Joharlive Team
रांची । झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व मंत्री और झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) नेता बंधु तिर्की को जमानत दे दी। जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने उन्हें जमानत दी है। 34 वें राष्ट्रीय खेल घोटाला और पत्थलगड़ी के मामले में उन्हें बेल मिला है।
बंधु तिर्की पर पत्थलगड़ी समर्थकों को उकसाने और काली गाय की बलि देने संबंधी भड़काऊ बयान देने के आरोप हैं। राष्ट्रीय खेल घोटाला में भी उनकी याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि सीबीआई की विशेष अदालत से उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति मिली थी। राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में 13 नवंबर को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके अलावा पत्थरगढ़ी मामले में 14 नवंबर को सुनवाई हुई थी और सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोनों मामले की सुनवाई के दौरान बंधु तिर्की ने जमानत देने की गुहार लगाई थी। इसके बाद सरकार ने इसका विरोध किया था। हालांकि कोर्ट ने बंधु तिर्की को 16 नवंबर को नामांकन दाखिल करने की अनुमति दी थी।
बंधु तिर्की को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 4 सितंबर को गिरफ्तार किया था। बंधु तिर्की की गिरफ्तारी 34 वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में हुई थी। एसीबी ने बंधु तिर्की को रांची सिविल कोर्ट परिसर से गिरफ्तार किया था।
मालूम हो कि 24 अगस्त को 34 वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में तत्कालीन खेल मंत्री बंधु तिर्की और राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष आरके आनंद समेत पांच आरोपियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति एसीबी को मिली थी।
झारखंड में वर्ष 2007 में राष्ट्रीय खेल का आयोजन किया जाना था मगर तैयारी पूरी नहीं होने की वजह से 34 वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन साल 2011 में किया गया। इसके बाद खेल सामग्री की खरीद ठेका देने में अनियमितता और निर्माण में गड़बड़ी के कई मामले सामने आए थे। जिसके आकलन के मुताबिक सरकार को 29 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ था।