किसलय शानू
रांची: राज्य में सियासी बदलाव होने के बाद भी एक इंसान अपने तबादले का खेल जारी रखा था. यह इंसान पूर्व मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार है. आजकल नेताओं से लेकर अधिकारियों के बीच यह बात चर्चा का विषय बना हुआ है. कई मंत्रियों के खास लोग भी इसके शिकार हुए है. बताया जाता है कि मीडिया सलाहकार की हरकतों के कारण हांथ से सत्ता वापस हेमंत सोरेन ने ले लिया हैं. आपको, यह स्पष्ट कर देते है कि यह चेहरा चम्पाई सोरेन का नहीं, बल्कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद सीएम बने चम्पाई सोरेन के मीडिया सलाहकार की भूमिका में आये चंचल गोस्वामी का था. चंचल अधिकारियों की मोटी रकम डकार गए, लेकिन अभी तक किसी को अपने मनचाहे पोस्टिंग नहीं मिली है.
सीएम चंपाई के इस्तीफे के बाद भी जारी था तबादला का खेल
सीएम चंपाई ने अपना इस्तीफा सौंपा और हेमंत सोरेन को झारखंड के मुख्यमंत्री के रुप में राज्यपाल की ओर से मुहर लगाई गयी. 7 जुलाई को शपथ ग्रहण की तिथी तय हुई थी. लेकिन इधर तबादलों का यह खेल जारी था. अंतिम बेला में भी चंचल अधिकारियों के बीच अपना खेल खेल रहा था. तीन जुलाई को राजधानी रांची में जारी सियासी ड्रामे के बीच सरायकेला-खरसांवा के एसपी मनीष टोप्पो को हटा दिया गया. जबकि मनीष टोप्पो ने इसी साल मार्च महीने में पदभार संभाला था. उसके बदले में मुकेश लुनायत को कमान सौंपा गया. अधिसूचना भी जारी कर दी गयी. इसके साथ ही तीन जुलाई को ही कई दूसरे अधिकारियों का भी तबादला हुआ. लेकिन, इन सब के बीच IPS अधिकारी के तबादलों की सूची पर रोक लग गयी. रोक लगने के बाद से मोटी रकम दिए हुए अधिकारी अब चिंतित है कि क्या उनके पैसे लौटेंगे ? या फिर पूरे पैसे चंचल डकार गया.
कैसे चंचल स्टेज प्रोग्राम करते बन गया मुख्यमंत्री का मीडिया सलाहकार
पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन की सुख कुछ छणों में समाप्त होने के पीछे की मुख्य वजह मीडिया सलाहकार चंचल गोस्वामी है. राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है. चंचल गोस्वामी की पढ़ाई-लिखाई (जमशेदपुर) विष्टुपुर स्थित सेंट मेरिस हिन्दी विद्यालय में हुई है. बताया जाता है कि चंचल बचपन से ही स्टेज प्रोगाम से जुड़ गये. यही इनकी आजीविका का साधन था. प्रसिद्ध भजन गायक लखबीर सिंह लक्खा इनके आइडल रहे हैं. भोजपुरी गानों में इनकी मजबूत पकड़ है. यह किसी भी भोजपुरी गायक के गीतों का हुबहू प्रस्तुति दे सकते हैं. स्टेज प्रोग्राम की इस कला का चंचल गोस्वामी ने सियासी जगत में भी भरपूर इस्तेमाल किया. एक बार जैसे ही चंपाई सोरेन की अंगुली पकड़ी, धीरे-धीरे सत्ता के गलियारें में सक्रिय हो गये. भुंईहरी जमीन मामले में जब सीएम हेमंत को कालकोठरी भेजा गया और सत्ता की चाभी चंपाई सोरेन के हाथ में आयी तो चंचल की चंचलता सियासी गलियारों में सुर्खियां बटोरने लगा. फिर धीरे-धीरे अधिकारियों के बीच इनकी मजबूत पैठ बन गयी और जमीन छोड़कर आसमान की सैर करने लग गये.
पूर्व सीएम हेमंत के मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद की एंट्री पर रोक
मीडिया सलाहकार भी भूमिका में आते ही इनका रुतबा गजब का आसमान छुने लगा. हौसला इतना बुलंद हुआ कि सीएम हाउस में पूर्व सीएम हेमंत के मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद की एंट्री पर अघोषित रोक लगा दिया. फिर सबसे बड़ा खेल अधिकारी के तबादले का शुरु कर दिया. हर गुजरते समय के साथ चंचल गोस्वामी सुपर सीएम की भूमिका में नजर आने लगे. एक ही अधिकारी को महज 15 दिन में दूसरा तबादला भी किया गया. एक डीएसपी रैंक के अधिकारी तो चंचल के इस कारनामे से इतना आहत हुआ कि अपनी रोती हुआ वीडियो ही सोशल मीडिया पर डाल दिया. चंपाई सोरेन की नजर पड़ी, तब उसे बुलाया गया और उसकी समस्या का निदान हुआ.
चंचल के एक-एक कारनामे की सूचना हेमंत को मिल रही थी जेल में
28 जून 2024 को हेमंत सोरेन की रिहाई के बाद भी चंचल गोस्वामी अपने में बदलाव लाने को तैयार नहीं था. इस बात का एहसास भी नहीं था कि उसकी पूरी कारदास्तानी जेल में हेमंत को मिल रही थी, और वह संदेह के घेरे में आ चुके हैं. सीएम चंपाई की सज्जनता, विन्रमतता और उदारता का दुरुपयोग कर वह जिस तबादला उद्योग को खड़ा कर रहा है, हेमंत सोरेन की उस पर नजर है, हालांकि परिस्थितियों की मार कुछ ऐसी है, जेल से इन सारी चीजों को नियंत्रित करने की स्थिति में नहीं थे. लेकिन हेमंत सोरेन की रिहाई के बाद भी यही खेल करने की कोशिश की गई, खबर इस बात की भी लगी कि चंचल की चंचलता दिल्ली दरबार तक फैलती नजर आ रही है, दिल्ली में सत्ता के गलियारे में उपस्थिति देखी जा रही है. इसी बीच सोनिया गांधी का फोन आया, बताया जाता है कि उसी फोन के बाद सब कुछ बदला, और हेमंत सोरेन ने सत्ता की बागडोर अपने हाथ में लेने का फैसला किया.