नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी एन साईबाबा का शनिवार को दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में निधन हो गया. वह 54 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से पित्ताशय के संक्रमण के कारण उपचार करा रहे थे. हाल ही में उन्हें ऑपरेशन के बाद जटिलताओं का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उनका निधन हुआ.
साईबाबा माओवादियों के साथ कथित संबंध के मामले में चर्चा में आए थे. उन्हें महज सात महीने पहले बंबई हाई कोर्ट द्वारा बरी किया गया था, जहां अदालत ने उनकी आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया था. अदालत ने कहा था कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ मामला साबित करने में असफल रहा.
साईबाबा ने जेल में रहते हुए इलाज के अभाव का आरोप लगाया था और कहा था कि उन्हें केवल दर्द निवारक दवाएं दी गईं. उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें गिरफ्तार करते समय पुलिस ने उन्हें व्हीलचेयर से घसीटा, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं.
उनके निधन पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक के संबाशिव राव ने शोक व्यक्त किया, इसे समाज के लिए एक बड़ी क्षति बताया. वामपंथी छात्र संगठन ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ (आइसा) ने भी साईबाबा के साहस और न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को सराहा, उन्हें याद करते हुए कहा कि उनका अदम्य साहस हमेशा प्रेरित करेगा.
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