धनबाद : झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह ने कोर्ट से कहा कि इलाज के लिए नहीं भेज सकते तो मुझे इच्छा मृत्यु की इजाजत दे। संजीव सिंह अप्रैल 2017 से जेल में बंद हैं। अभी 11 जुलाई से एसएनएमएमसीएच में भर्ती हैं। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर राहत देने से इंकार कर दिया था।
संजीव सिंह ने मंगलवार को अदालत में आवेदन दाखिल कर इच्छामृत्यु देने की गुहार लगाई है। अदालत को दिए आवेदन में संजीव के अधिवक्ता मो. जावेद ने कहा है कि बेहतर इलाज उनका संवैधानिक अधिकार था, परंतु उन्हें बेहतर इलाज की सुविधा नहीं दी जा रही है। वह 14 दिन से इस एसएनएमसीएच में जिंदगी-मौत से लड़ रहे हैं। लिहाजा वह घुट-घुट कर जीना नहीं चाहते उन्हें इच्छा मौत दे दी जाए। समाचार लिखे जाने तक आवेदन पर सुनवाई चल रही है।
कोर्ट ने जेल अधीक्षक से संजीव सिंह के स्वास्थ्य की मांगी अद्यतन रिपोर्ट
धनबाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस संजीव को लेने अस्पताल पहुंची, परंतु संजीव ने रांची जाने से इंकार कर दिया। इधर संजीव सिंह के अधिवक्ता द्वारा दाखिल आवेदन पर अदालत ने आज कोई आदेश पारित नहीं किया गया। अदालत ने पुनः जेल अधीक्षक से संजीव सिंह के स्वास्थ्य की अद्यतन रिपोर्ट मांगी है।
क्रिटिकल वार्ड में जीवन और मौत के बीच जूझ रहा पूर्व विधायक
संजीव सिंह की ओर से उनके अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने सोमवार को जिला व सत्र न्यायाधीश 16 अखिलेश कुमार की अदालत में बहस करते हुए कहा कि विचाराधीन बंदी एसएनएमएमसीएच के क्रिटिकल वार्ड में जीवन और मौत के बीच जूझ रहा है। उसका इलाज व जांच पत्राचार के बीच में फंसा हुआ है। उन्होंने अदालत में खुलासा किया कि रविवार को सुरक्षा बल संजीव को रांची स्थित रिम्स ले जाने के लिए अस्पताल पहुंची थी, परंतु संजीव सिंह ने जाने से इंकार कर दिया। रांची स्थित रिम्स में संजीव को जान का खतरा है। यह बात गवाही के दौरान भी आ चुकी है। अधिवक्ता ने फिर हायर मेडिकल इंस्टिट्यूट में संजीव का इलाज कराने का आदेश पारित करने की प्रार्थना अदालत से की।
11 जुलाई को एसएनएमएमसीएच में कराया गया था भर्ती
बता दें कि झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को 11 जुलाई को धनबाद मंडल कारा से एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराये गये थे और उसी दिन झारखंड हाइकोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें जमानत देने से मना कर दिया था। जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रार्थी संजीव सिंह की याचिका खारिज कर दी थी। अस्पताल में दाखिला कराते वक्त बताया गया था कि संजीव सिंह जेल में कुर्सी से गिर कर घायल हो गये हैं। अदालत ने जेल प्रशासन की रिपोर्ट को देखते हुए प्रार्थी को राहत देने से इंकार कर दिया था।
अप्रैल 2017 से जेल में बंद हैं पूर्व विधायक संजीव सिंह
जेल प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रार्थी को मेडिकली फिट बताया था। 11 जुलाई से पूर्व मेडिकल बोर्ड ने जांच में संजीव सिंह की स्थिति सामान्य पायी थी। रिपोर्ट में उन्हें किसी प्रकार की गंभीर बीमारी नहीं होने की बात बतायी गयी थी। बताते चलें कि संजीव सिंह पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के मामले में अप्रैल 2017 से जेल में बंद हैं। उन्होंने जमानत याचिका दायर कर कोर्ट से मेडिकल ग्राउंड पर जमानत देने का आग्रह किया था।