रांची : चाइल्डलाइन के पूर्व कर्मियों ने सोमवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से मुलाकात की. साथ ही उन्हें बताया कि बच्चों की देखभाल के अलावा सुरक्षा के लिए काम करने वाली संस्था चाइल्डलाइन है. जिसके कर्मचारियों ने कोविड-19 महामारी के समय भी बच्चों के लिए वैसे ही काम किया जैसा कि आम दिनों में कर रहे थे. इस बीच 31 अगस्त 2023 के बाद झारखंड के हर जिले में चाइल्डलाइन के तीन कर्मियों से काम लेने की बात हुई. वहीं विभाग की ओर से केवल 2 महीने (सितंबर और अक्टूबर) का ही पत्र मिला. अब विभाग की ओर से उन्हें कोई पत्र जारी नहीं किया गया. ऐसे में झारखंड चाइल्डलाइन के कर्मियों ने कर्मियों की नियुक्ति से संबंधित पत्र विभाग में दिया. महिला एवं बाल विकास मंत्री जोबा मांझी और सरकार के उप सचिव विकास कुमार से भी मुलाकात कर ज्ञापन दिया. लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. तभी उन्हें जानकारी मिली कि झारखंड सरकार ने चाइल्डलाइन को निजी हाथों में दे दिया है. और उनके द्वारा चाइल्डलाइन में नए कर्मियों की नियुक्ति भी की जा रही है. उन्होंने कर्मियों को उनके कार्य अनुभव को प्राथमिकता देते हुए नियुक्ति करने की मांग की.
सभी जिले से पहुंचे कर्मी
झारखंड चाइल्ड लाइन के सभी जिला के लीडर अपनी समस्या को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से मुलाकात की और अपनी समस्या को उनके समक्ष रखा. बाबूलाल मरांडी ने आश्वासन दिया कि इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए वह समाधान जल्द से जल्द करेंगे. साथ ही पूर्व के सभी चाइल्डलाइन कर्मियों को नियुक्ति दिलाने का आश्वासन दिया.
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