रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व प्रमुख सचिव के खिलाफ झारखंड सरकार ने एक जांच आयोग गठित किया है। गुरुवार को आयोग ने जनता और अधिकारियों से जानकारी मांगी है, जिनके साथ प्रमुख सचिव राजीव अरुण एक्का ने दुर्व्यवहार किया था। जांच आयोग की अध्यक्षता झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस द्वारा की जा रही है।
15 मई तक अधिकारी के बारे में दे सकते हैं जानकारी
सरकार द्वारा जारी नोटिस में बताया गया है कि मामले में कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 15 जून तक लिखित रूप से अधिकारी के खिलाफ तथ्य पेश कर सकता है। इसके अलावा जानकारी देने वाले व्यक्ति को अपने बारे में भी जानकारी देनी होगी, जैसे उसका नाम, उसका फोन नंबर और पूरा पता। प्रमुख सचिव के खिलाफ भेजे गई जानकारी या तो डाक से भेजी जा सकती है या फिर रांची स्थित आयोग कार्यालय में जमा करा सकते हैं। एक्का के बारे में तथ्य पेश करने वाले अधिकारी के खिलाफ जानकारी देने वाले व्यक्ति को गवाही के लिए पेश भी हो सकते हैं।
एक्का पर लगाए यह आरोप
जांच आयोग की अध्यक्षता पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वी के गुप्ता कर रहे हैं, जिसकी अगली बैठक 12 जुलाई को होगी। एक्का से ईडी ने 27 मार्च को पूजा सिंघल मामले में 10 घंटे पूछताछ की थी। पद का दुरुपयोग करने के लिए एक्का के खिलाफ मार्च में आयोग का गठन किया गया था। एक्का पर आरोप है कि उन्होंने कुछ आधिकारिक दस्तावेजों को गैर आधिकारिक जगह और गैर आधिकारिक लोगों के सामने साइन किए थे। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने चार मार्च को भाजपा कार्यालय में 22 सेकंड का वीडियो जारी करते हुए एक्का के खिलाफ आरोप लगाए थे। आरोपों के कुछ घंटे बाद ही एक्का को प्रमुख सचिव पद से बर्खास्त कर दिया गया और पंचायती राज विभाग में नई पोस्टिंग दी गई। अब मामले में जांच आयोग का गठन भी कर दिया गया है।