Bandhavgarh Tiger Reserve : मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाल ही में सात हाथियों की मौत का मामला सामने आया है, जबकि तीन अन्य हाथियों की हालत गंभीर बताई जा रही है. वन्यजीव अधिकारियों का कहना है कि मृत हाथियों के निधन के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है. इनके पोस्टमार्टम का कार्य जबलपुर के स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फोरेंसिक एंड हेल्थ में किया जा रहा है, जहां पेंच और कान्हा के पशु चिकित्सक भी सहयोग कर रहे हैं. इस समय झुंड के अन्य दो हाथियों का स्वास्थ्य सामान्य है.
जांच समिति का गठन
दिल्ली स्थित वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है. राज्य स्तर पर भी जांच जारी है. यह संकट उस समय उत्पन्न हुआ जब नियमित गश्त के दौरान दो हाथी मृत पाए गए, और पास ही पांच अन्य हाथियों की स्थिति चिंताजनक थी.
अफसरों की लापरवाही
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अगस्त में बाघों की मौतों के मामलों में प्रशासनिक बदलावों की खबरें भी आई थीं. एक विशेष रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था कि बाघों की मौतों के मामलों में विभाग की कार्यशैली में खामियां पाई गई थीं, जिसमें अधिकारियों की लापरवाही शामिल थी.
दो साल में 43 बाघों की मौत
2021 से 2023 के बीच बांधवगढ़ और शहडोल वन क्षेत्र में कुल 43 बाघों की मौत होने की सूचना है, जिनमें से कुछ की मौत अवैध शिकार और वन्यजीव अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुई थी. यह नई घटना वन्यजीव संरक्षण के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है.
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