माली की सेना ने प्रधानमंत्री और अंतरिम राष्ट्रपति को अपनी हिरासत से रिहा कर दिया है। शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मेजर बाबा सिस्से ने बताया कि राष्ट्रपति बाह नदाव और प्रधानमंत्री मैक्टर ओउने को बुधवार को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों की उपस्थिति में इस्तीफा देने के बाद रिहा किया गया।
पश्चिम देश में राजनीतिक संकट का समाधान कराने के लिए मध्यस्थ मौजूद हैं। वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुधवार को बंद कमरे में हुई बैठक के बाद संकेत दिया कि दबाव में इस्तीफा लिया गया है। सुरक्षा परिषद ने मांग की कि तत्काल अंतरिम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में असैन्य सरकार बहाल की जाए और सेना को अपने बैरकों में लौटना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र, अफ्रीकी संघ और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों और यहां तक कि अमेरिका ने भी माली की सेना से अंतरिम सरकार के नेताओं को रिहा करने की मांग की थी।
नदाव और ओउने को सोमवार को अंतरिम सरकार के अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी नए मंत्रिमंडल में दो अहम सैनिकों को शामिल नहीं करने के घंटों बाद की गई थी। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पदच्युत करने के बाद कर्नल असिमी गोइता का फिर से देश की सत्ता पर कब्जा हो गया हैं। गोइता ने वर्ष 2020 में माली में हुए तख्ता पलट का नेतृत्व किया था और पिछले साल सितंबर से ही देश के उप राष्ट्रपति पद पर काबिज हैं।
मध्यस्थता में शामिल पश्चिमी अफ्रीकी राजनयिक ने पहचान गोपनीय रखते हुए बताया कि गोइता ने सत्ता हस्तांतरण प्रक्रिया का नेतृत्व करने की इच्छा जताई है। गोइता के विशेष सलाहकार सिस्से ने बुधवार रात को बताया था कि दोनों नेताओं को सुरक्षा कारणों से रिहा किया जाएग। उन्होंने माली सरकार के मुखिया को गिरफ्तार करने की वजह बताते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने उप राष्ट्रपति से रक्षा और सुरक्षा से जुड़ी जानकारी छिपाई गई और नई सरकार के गठन में गोइता से परामर्श नहीं कर सत्ता हस्तांतरण के घोषणापत्र का उल्लंघन किया गया।