रांची: लोकगायिका शारदा सिन्हा का 72 साल की उम्र में निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार थीं और उन्होंने मंगलवार रात लगभग 9:20 बजे दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने कहा, “आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे. मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है. मां अब शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं.” शारदा सिन्हा का योगदान विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, और झारखंड के पारंपरिक त्योहारों में रहा है, खासकर छठ महापर्व के गीतों से वे घर-घर में प्रसिद्ध हुईं. उनके गीत जैसे “केलवा के पात पर उगले सुरुज देव,” और “पवन छूटा जेसे मटकी माई” लोगों के दिलों में बसे हुए हैं. उनके निधन की खबर सुनकर उनके प्रशंसकों और संगीत प्रेमियों में गहरा शोक व्याप्त है.

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