रांची : झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी आथोरिटी (रेरा) का गठन तो राज्य में हो गया. लोगों को उम्मीद थी कि इससे बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगेगी. लेकिन बिल्डरों को कार्रवाई का कोई डर नहीं है. स्थिति यह है कि बिल्डरों के खिलाफ कंप्लेन की झड़ी लगी है. कई बिल्डर तो ऐसे है जिनके खिलाफ 6 दर्जन कंप्लेन रेरा में की गई है. जिसकी सुनवाई कोर्ट में होनी है. फिलहाल सभी कंप्लेन करने वालों को तारीख पर तारीख दी जा रही है. जिससे कि शिकायत करने वाले और बिल्डरों की बातें सुनी जा सके.
रियल इस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून, 2016 के तहत सभी राज्यों के लिए अपने-अपने रियल इस्टेट नियामक (रेरा) का गठन करना अनिवार्य है. रेरा के तहत, घर खरीदने वालों को समुचित राहत की व्यवस्था देना है. रेरा के प्रावधानों के तहत रियल इस्टेट परियोजनाओं और रियल इस्टेट एजेंटों के लिए संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के रेरा में पंजीकरण अनिवार्य है. जिससे कि गड़बड़ी करने पर रियल इस्टेट प्रोजेक्ट डेवलपर्स और बिल्डरों पर कार्रवाई की जा सके.
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