रांची : राजधानी में अवैध हॉस्टल-लॉज का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। आए दिन नए ब्वायज एंड गर्ल्स हॉस्टल व लॉज खुलते जा रहे है। लेकिन कोई भी संचालक हॉस्टल के लिए लाइसेंस लेने को तैयार नहीं है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस साल लाइसेंस के लिए मात्र 113 लोगों ने आवेदन दिया है। वहीं नगर निगम ने उनका लाइसेंस जारी या फिर रिन्यू कर दिया है। इसके अलावा शहर में चल रहे सभी लॉज और हॉस्टल अवैध रूप से चल रहे है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि रांची नगर निगम इनपर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है।
हर साल लाइसेंस के लिए नोटिस
रांची नगर निगम हर साल हॉस्टल-लॉज के संचालन के लिए लाइसेंस जारी करता है। लाइसेंस नहीं लेने वालों के लिए आम सूचना भी जारी की जाती है। वहीं कुछ लोगों पर दिखावे के लिए फाइन लगाकर निगम केवल अपनी ड्यूटी पूरी कर लेता है। जबकि तीन बार फाइन लगाने के बाद भी अगर संचालक लाइसेंस नहीं लेता है तो भवन को सील करने का भी प्रावधान है। लेकिन नगर निगम सीलिंग की कार्रवाई नहीं करता है।
5 हजार से अधिक हॉस्टल-लॉज
शहर में पांच हजार से अधिक हॉस्टल लॉज चल रहे है। लेकिन इसमें से मात्र 113 ही नगर निगम की ओर से जारी किए गए वैलिड लाइसेंस के साथ चल रहे है। बाकी के संचालकों ने न तो नगर निगम से लाइसेंस लिया है और न ही लाइसेंस का रिन्युअल कराया है। इससे एक चीज तो साफ है कि संचालकों को कार्रवाई का कोई डर नहीं है। यहीं वजह है कि बिना किसी डर के अवैध रूप से राजधानी में हॉस्टल-लॉज का संचालन कर रहे है।
लाइसेंस के लिए जरूरी कागजात
- आनलाइन एप्लीकेशन
- आधार कार्ड
- होल्डिंग टैक्स रसीद
- गार्बेज रसीद
- बिल्डिंग मैप
- सीसीटीवी
- फायर फाइटिंग सिस्टम
- नेम प्लेट
- बिल्डिंग की फोटोग्राफ