Joharlive Team
हज़ारीबाग। गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव सहित तीन लोगों की हत्या मामले में कोर्ट ने सजा सुनाया है। कोर्ट ने हत्या के मुख्य आरोपी विकास तिवारी, दिलीप साहू, विशाल कुमार सिंह, राहुल देव पांडे और संतोष देव पांडे को आजीवन कारावास की सजा सुनाया है। कोर्ट ने विकास तिवारी को अंतिम सांस तक कारावास की सज़ा सुनायी है। वहीं, विकास तिवारी और संतोष पांडेय पर कुल 1 लाख 76 हज़ार 200 का जुर्माना लगाया गया है। जबकि अन्य दोषियों पर 36 हज़ार 200 का जुर्माना लगाया गया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दोषियों द्वारा दी गयी जुर्माने की राशि गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव के परिवार को दी जायेगी। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा है कि आइपीसी की विभिन्न धाराओं में हुई सजा अलग-अलग चलेंगी।
मालूम हो कि बीते 11 सितंबर को हजारीबाग एडीजे-6 कोर्ट ने विकास तिवारी समेत पांच को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी। कोर्ट ने हत्या में संलिफ़्त विकास तिवारी, दिलीप साहू, विशाल कुमार सिंह, राहुल देव पांडे और संतोष देव पांडे को दोषी पाया है।
इनमें विकास तिवारी फिलहाल पलामू कारा में बंद है। जबकि संतोष और राहुल देव पांडे हजारीबाग जेल में बंद हैं। दिलीप साहू और विशाल कुमार सिंह जमानत पर थे। जिन्हें कोर्ट के आदेश के बाद रिमांड पर ले लिया गया है।
कोर्ट परिसर में एके-47 से दिनदहाड़े गोली मारकर हुई थी सुशील समेत तीन की हत्या
हज़ारीबाग़ कोर्ट परिसर में 2 जून 2015 को दिनदहाड़े कोर्ट में पेशी के लिए आये सुशील श्रीवास्तव, सहयोगी कमाल खान व ग्यास खान की हत्या भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एके-47 से कर दी गयी थी। प्रतिद्वंदी गैंगस्टर पांडेय गिरोह द्वारा घटना को अंजाम दिया गया था। मुख्य आरोपी विकास तिवारी, संतोष पांडेय, शम्भू नाथ तिवारी, राहुल देव पांडेय, दिलीप साव, विकास साव, विशाल सिंह, प्रदीप पासवान व यूपी के मुख्य शूटर राज सिंह सहित अन्य को बनाया गया था। स्पीड ट्रायल में मामले की सुनवाई एडीजे अमित शेखर की अदालत में चली। 42 गवाहों के बयान दर्ज होने और लंबी बहस के बाद 11 सितंबर को एडीजे-6 की अदालत ने विकास तिवारी, संतोष पांडेय, राहुल देव पांडेय, दिलीप साव और विशाल सिंह को दोषी करार देते हुए शम्भूनाथ तिवारी को रिहा कर दिया था और 22 सितम्बर को सजा तय करने की तारीख तय की गयी थी।
विकास तिवारी ने ली थी घटना की जिम्मेवारी
कोयलांचल में पांडेय गिरोह और श्रीवास्तव गिरोह में वर्चस्व को लेकर खूनी टकराव होते रहे हैं. इस टकराव में दोनों तरफ से दर्जनों हत्याएं की गयी हैं जो अब भी जारी हैं. 13 दिसम्बर 2014 को पांडेय गिरोह के सरगना किशोर पांडेय की हत्या जमशेदपुर में कर दी गयी थी. किशोर पांडेय के अंतिम संस्कार में एके-47 से हवाई फायरिंग कर विकास तिवारी ने छह महीने में बदला लेने की कसम खायी थी.
छह महीने पूरे होने के ठीक पहले 2 जून को हज़ारीबाग़ कोर्ट परिसर में सुशील श्रीवास्तव सहित तीन लोगों की हत्या के बाद कोर्ट परिसर में ही “किशोर पांडेय की हत्या का बदला” लिखित प्रिंटेड पोस्टर छोड़कर विकास तिवारी द्वारा घटना की जिम्मेवारी ली गयी थी.
दो महीने बाद अगस्त में विकास तिवारी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था तब से वह जेल में ही है. वर्तमान में वह पलामू जेल में बंद है.