रांची: राज्य में झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी आथोरिटी का गठन किया गया ताकि बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगाई जा सके. इसके लिए रेरा सख्ती भी कर रहा है इसके बावजूद बिल्डर कस्टमर्स को ठगने से बाज नहीं आ रहे है. अब तो कस्टमर्स को पैसे लेने के बाद टहला रहे है. जिसकी शिकायत लेकर लोग रेरा में कर रहे है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्यभर से 4494 लोग रेरा में सुनवाई के इंतजार में है. अब देखना होगा कि रेरा में शिकायत दर्ज कराने वालों को न्याय कब मिलता है.

4494 मामले सुनवाई के लिए

रेरा में बिल्डरों की लगातार शिकायत की जा रही है. कोई पैसे लेकर भी समय से काम पूरा नहीं कर रहा है तो कोई प्रोजेक्ट में देर कर रहा है. ऐसे ही हजारों शिकायतें रेरा के पास दर्ज कराई गई है. फिलहाल रेरा के पास 4494 मामले सुनवाई के लिए है. जिसमें आथोरिटी के पास 3142 केस है जबकि एडजुकेटिंग आफिसर के पास सुनवाई के लिए 1352 केस है. जिसकी कोर्ट में सुनवाई तो हो रही है लेकिन लिस्ट लंबी होने के कारण वेटिंग काफी है. ऐसे में शिकायत करने वालों को न्याय के लिए इंतजार करना होगा.

प्रोजेक्ट लेट की नहीं दे रहे जानकारी

राज्य में किसी भी बिल्डर या प्रोमोटर को अपने प्रोजेक्ट के लिए रेरा में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. इसके बाद ही वह राज्य में अपना प्रोजेक्ट शुरू कर सकता है. लेकिन कई ऐसे बिल्डर है जो बिना रजिस्ट्रेशन के ही काम कर रहे है. वहीं कई बिल्डर तो प्रोजेक्ट में देरी की जानकारी भी रेरा को नहीं दे रहे. ऐसे बिल्डरों पर फाइन लगाने का प्रावधान है. इतना ही नहीं तय समय से जितनी देरी प्रोजेक्ट में होगी उसका हर्जाना भी कस्टमर को देना होगा.

रेरा की कस्टमर्स से अपील

रेरा में बढ़ती शिकायतों को देखते हुए कस्टमर्स से अपील की गई है. जिसमे कहा गया है कि वैसे प्रोजेक्ट में भी इटंरेस्ट दिखाए जो रेरा से रजिस्टर्ड है. चूंकि प्रोजेक्ट के लिए अब आनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है. इसलिए कोई भी प्रोमोटर या बिल्डर इससे भाग नहीं सकते. वहीं जिन बिल्डरों ने आफलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है उन्हें भी आनलाइन माध्यम से सभी दस्तावेद उपलब्ध कराने को कहा गया है. जिससे कि रेरा के पास सभी बिल्डरों का रिकार्ड उपलब्ध रहे.

 

 

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