बोकारो : ऑस्कर अवार्ड द्वारा नॉमिनेटेड लघु फिल्म चंपारण मटन की पहली स्क्रीनिंग बोकारो में संपन्न हुई. इस दौरान लगभग 2 हजार लोगों ने बोकारो क्लब के बड़े स्क्रीन पर इस फिल्म को देखा.
फिल्मों का सबसे बड़ा अवार्ड ऑस्कर अवार्ड होता है और एक फिल्म चंपारण मटन इस फिल्म को ऑस्कर अवार्ड के लिए नॉमिनेटेड किया गया है. फिल्म चंपारण मटन की पहली स्क्रीनिंग बोकारो के सेक्टर पांच स्थित बोकारो क्लब में की गई. बोकारो की एक शिक्षक शिक्षण संस्थान स्मार्ट प्रेप के द्वारा इस स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया. बच्चे अभिभावक और बीएसएल के कई अधिकारियों के साथ-साथ बोकारो के आम लोगों ने ऑस्कर अवार्ड द्वारा नॉमिनेटेड चंपारण मटन की पहली स्क्रीनिंग को देखा.
फिल्म के बारे में बताते हुए फिल्म के डायरेक्टर रंजन कुमार ने कहा कि वर्तमान समाज में जो धारणाएं हैं और कैसे लोग चीजों के लिए अपने जीवन में जद्दोजहद कर रहे हैं इस फिल्म में दिखाया गया है. जब उनसे सवाल किया गया के इस फिल्म का नाम चंपारण मटन क्यों रखा गया है तो उन्होंने इस पर बोलते हुए कहा कि आज के समय में लोग मटन अपने घरों तक लाने और बनाने के साथ-साथ अपने लोगों को खिलाने तक कितनी जद्दोजहद कर रहे हैं. चंपारण मटन की अगर बात करें तो पूरे वर्ल्ड में यह नाम फेमस हो गया है. इसकी पूरी कहानी इस फिल्म में दर्शाने का काम किया है. वहीं इस फिल्म में किरदार निभा रहे छेदी चाचा ने कहा कि समाज में एक संदेश देने का काम किया है कि किस तरीके से जिंदगी में लोग विभिन्न तरह की बधाओं का सामना करके अपने मुकाम तक पहुंच रहे हैं.
स्क्रीनिंग के आयोजन कर्ता स्मार्ट प्रेप के डायरेक्टर ने बताया कि मुझे इस फिल्म की जानकारी मिली उसके बाद से मुझे यह पता चला कि या फिल्म ऑस्कर अवार्ड के लिए नॉमिनेटेड हुई है तो ख्याल आया कि इस फिल्म की पहली स्क्रीनिंग बोकारो में हो, और बोकारो के लोग इस फिल्म के संदेश को समझे कि फिल्म में आखिर क्या दिखाया गया है. इसी को लेकर मैं इस फिल्म की स्क्रीनिंग बोकारो में करने का काम किया और आज लगभग 2 हजार लोग इस फिल्म को बोकारो क्लब में बड़े पर्दे पर देखा.
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