- गृह रक्षा वाहिनी के डीजी अनिल पालटा के आदेश पर जांच के बाद हुआ खुलासा
- डीजी ने पूरे राज्य में गृह रक्षा वाहिनी के ऑडिट करने का दिया आदेश
- कंपनी कमांडर कैलाश यादव ने सरकारी हथियार के साथ ड्युटी कराया फर्जी गृह रक्षकों से
रांची : झारखंड में पैसों के लालच में आम आदमी को गृह रक्षक बना दिया. फर्जी तरीके से गृह रक्षक बने आम आदमी ने सरकारी ड्यूटी भी कर ली और लोकसभा चुनाव में सरकारी हथियार भी ढोये. यह चौंकानेवाला खुलासा गृह रक्षा वाहिनी के डीजी अनिल पालटा के आदेश पर हुई विभागीय जांच के बाद हुआ है. मामले में अब तक कंपनी कमांडर कैलाश यादव समेत पांच फर्जी गृह रक्षकों के खिलाफ धुर्वा थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई है. वहीं, नामजद गिरफ्तार फर्जी गृह रक्षकों में आरिफ अंसारी, निशार अंसारी, आसिफ अहमद और जगदेव टोप्पो शामिल हैं. धुर्वा थाना में सभी के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई है. हालांकि, इस मामले में अब तक सिर्फ एक फर्जी गृह रक्षक आसिफ अंसारी को ही जेल भेजा गया है.
डीजी ने राज्य भर में वाहिनी के ऑडिट का दिया आदेश
गृह रक्षा वाहिनी के डीजी अनिल पालटा को शक है कि इस तरह की फर्जी बहाली पूरे राज्य में हुई होगी. हर जगह रिश्वत का बड़ा खेल हुआ है. पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजी ने पूरे राज्य में गृह रक्षा वाहिनी के ऑडिट करने का आदेश दे दिया है.
सरकारी हथियार लेकर ड्यूटी की फर्जी गृह रक्षकों ने
जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि फर्जी गृह रक्षकों ने लोकसभा चुनाव के दौरान ड्यूटी भी की है. सभी फर्जी गृह रक्षकों ने सरकारी हथियार लेकर चुनाव में ड्यूटी की है. वहीं, जांच टीम ने इस अपराध को गंभीर श्रेणी में रखते हुए सभी पर कठोर कार्रवाई करने की अनुशंसा की है.
रिश्वत में कंपनी कमांडर को दिया था 1.30 लाख
गिरफ्तार फर्जी गृह रक्षक आसिफ ने स्वीकार किया है कि कंपनी कमांडर को रिश्वत के तौर पर 1.30 लाख रुपये दिया था. इस बात को आसिफ ने डीजी अनिल पालटा के समक्ष पूछताछ में स्वीकार किया है. उसने डीजी को बताया कि वर्ष 2022 फरवरी से गृह रक्षा वाहिनी में अपनी सेवा दे रहा है.
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