पलामू : किसानों ने बताया कि तुलसी की खेती एक बार करने के बाद वे उसका दो कटिंग लेते हैं। इसकी खेती के लिए जुलाई-अगस्त माह में अनुकूल माना जाता है। उसी समय इसकी रोपाई होती है। इसके बाद पहली कटिंग नवंबर माह में ली जाती है। पहली कटिंग के बाद खेत में सिंचाई कर दी जाती है। सिंचाई उपरांत पुनः फसल तैयार हो जाता है। किसानों के अनुसार 1 एकड़ की भूमि पर उत्पादित तुलसी से 25 से 30 लीटर ऑयल निकलता है। वहीं दूसरी कटिंग लेने पर 15 से 20 लीटर ऑयल निकलता है। इसका ऑयल काफी महंगा होता है। 1200- 2000 रुपए प्रति लीटर तक की बिक्री होती है। इसकी बिक्री के लिए किसानों को बाजार भी नहीं जाना पड़ता है। व्यापारी खुद ही किसानों के घर से इसका उठाव करते हैं। किसान तुलसी के बीज भी निकाल रहे हैं, ताकि पलामू के दूसरे किसानों को भी इसका बीज आसानी से उपलब्ध हो सके।
जिला प्रशासन का मिला साथ, तो किसानों की बढ़ी मुनाफा
पलामू प्रमंडल के किसान आत्मनिर्भर बनें, उनकी आय दोगुनी हो, इसके लिए स्थानीय जिला प्रशासन भी कदम उठा चूकी है। पलामू में तुलसी, पिपरमिंट आदि औषधीय पौधों की खेती विस्तारित हो, इसके लिए जिला प्रशासन लगातार कार्य कर रही है। पलामू में उत्पादित तुलसी, पिपरमेंट आदि का ऑयल यहीं निकाला जा सके। किसानों को दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़े। इसके लिए पलामू जिला प्रशासन ने विशेष केंद्रीय सहायता योजना के अंतर्गत हुसैनाबाद प्रखंड के दंगवार पंचायत के नदियाईन में एक ऑयल एक्सट्रैक्शन प्लांट का अधिष्ठापन किया है।
इसके संचालन की जिम्मेदारी वीर कुंवर सिंह कृषक सेवा सहकारी समिति लिमिटेड को दी गई है, जिसके अध्यक्ष प्रियरंजन सिंह हैं। विदित हो कि एक्सट्रैक्शन प्लांट के अधिष्ठापन नहीं होने से यहां के किसानों द्वारा उत्पादित उत्पाद को ऑयल निकालने हेतु बिहार ले जाना पड़ता था, जिसमें समय और पैसे की अतिरिक्त खर्च होती थी। प्लांट के अधिष्ठापन से किसानों को समय और अतिरिक्त खर्च का बचत हुआ है।
औषधीय पौधों की खेती के फैलाव से क्षेत्र की सुधरेगी आर्थिक दशा: आयुक्त
पलामू प्रमंडल क्षेत्र तुलसी की खेती को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त जटा शंकर चौधरी ने कहा कि पलामू में काला तुलसी, पिपरमिंट आदि औषधीय पौधों की खेती का फैलाव होने से इस क्षेत्र की आर्थिक दशा सुधरेगी। किसानों को ज्यादा आमदनी होगा, जिससे पलायन रुकेगी और किसानों के जीवन स्तर में सुधार होगा। बड़े पैमाने पर इसकी खेती होने से इससे संबंधित उद्योग भी लगेंगे और बाजार को भी बढ़ावा मिलेगा। आयुक्त ने कहा कि पलामू प्रमंडल के अन्य किसानों को भी इसकी खेती जाकर देखना चाहिए।
अच्छा लगने पर उसे अपनाना भी चाहिए। उन्होंने बताया कि पलामू के हुसैनाबाद प्रखंड क्षेत्र के किसान लखनऊ से बीज प्राप्त कर इसकी खेती प्रारंभ की। जिला प्रशासन की ओर से एक्सट्रैक्शन प्लांट लगाया गया, जिसके माध्यम से किसान तुलसी का ऑयल निकालने का कार्य कर रहे हैं। उन्हें दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि तुलसी की व्यवसायिक खेती पलामू के किसानों के लिए नया प्रयोग है। इसके ऑयल की अच्छी कीमत मिलती है। तुलसी का ऑयल निकालकर एवं उसकी बिक्री कर किसान अच्छी आमदनी कर सकते हैं।
औषधीय पौधों की खेती को मिलेगी बढ़ावाः उपायुक्त
पलामू उपायुक्त शशि रंजन ने बताया कि पहली बार औषधीय पौधे तुलसी की खेती हुसैनाबाद के किसानों ने प्रारंभ की है। जिला प्रशासन ऐसे वैक्लिपक खेती को बढ़ावा देगी। इससे जुड़े किसानों की समस्या दूर की जायेगी और उनकी आवश्यकताओं को पूरा किया जायेगा। हुसैनाबाद में जिला प्रशासन की ओर से ऑयल एक्सट्रेक्शन प्लांट स्थापित की गयी है, जिसके संचालन की जिम्मेदारी भी वहीं के किसानों को दी गयी है। ऑयल एक्सट्रैक्शन प्लांट से किसानों को तुलसी से ऑयल निकालने में मदद मिलेगी।