रांची। चान्हो के पतरातू पंचायत में रहने वाले 45 वर्षीय लखन महतो ने जिंदगी से तंग आकर आत्महत्या कर ली। लखन महतो ने घर से आधा किलोमीटर दूर स्थित कुंआ में कूद कर जान दी। वह पेशे से किसाान था। मृतक लखन पिछले एक माह से पैसा की तंगी से परेशान चल रहा था। लखन को ब्लॉक से मनरेगा के तहत कुंआ के एवज में मिलने वाली राशि डेढ़ लाख का भुगतान नही हुआ था। इसी पैसे की निकासी को लेकर लगातार लखन ब्लॉक का चक्कर
लगा रहा था। शनिवार की सुबह 6 बजे लखन महतो का बॉडी कुंआ से मिला है। सूचना मिलने के बाद चान्हो पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से बॉडी को कुंआ से बाहर निकाला गया है। इस मामले में यूडी केस दर्ज करते हुए लखन की बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भुगतानजा गया है।
घरवालों को बिना सूचना दिए निकले थे घर से
ग्रामीणों के अनुसार लखन महतो मनरेगा के तहत अपने खेत के पास एक कुंआ का निर्माण करा रहा था। ब्लॉक से कुछ राशि मिलने के बाद आगे की राशि रोक दी गयी थी। इस राशि की निकासी को लेकर लगातार मृतक लखन महतो ब्लॉक में आना जाना कर रहे थे। लेकिन, ब्लॉक की ओर से बकाया राशि का भुगताननही किया जा रहा था। इस दौरान खेतीबाड़ी करने के लिए कई लोगों से कर्ज के तौर पर पैसा • लिए थे। मगर, ब्लॉक से गतान नहीं होने के कारण तनाव में रहने लगे थे। इससे पूर्व शुक्रवार की सुबह घरवालों को बिना कोई सूचना दिए घर से निकल गए। इसके बाद देर रात तक घर नहीं लौटे, तो परिजनों ने अपने स्तर से खोजबीन की। मगर, कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद शनिवार की सुबह ग्रामीण लखन के खेत की तरफ खोजबीन करने गए, तो देखा कि कुंआ के पास खैनी का डिब्बा रखा हुआ है। फिर कुंआ में देखा तो लखन का बॉडी पानी में तैर रहा था। इसके बाद मामले की जानकारी परिजनों और पुलिस को दी गयी।
आरोप पूरी तरह से झूठा है – बीडीओ
चान्हो के बीडीओ संतोष कुमार का कहना है कि लखन महतो का कोई पैसा रुका हुआ नहीं है। पैसा रोकने की बात पूरी तरह से झूठा है। 23 जुलाई को कुंआ का काम खत्म हुआ है। आने वाले कुछ दिनों में पैसा का भुगतानहोने वाला था। यह मामला पूरी तरह से दुर्घटना है। जांच के बाद पूरा मामला सामने आ जायेगा।