अमृतसर : किसान आंदोलन 2.0 के तहत किसानों ने रविवार को ‘रेल रोको’ आंदोलन किया.  इसको लेकर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने सोमवार को दावा किया कि कई मांगों को लेकर किसान यूनियनों द्वारा देशव्यापी ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन सफल रहा.

आंदोलनकारी किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आह्वान के बीच रविवार को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन किया गया. किसान नेता ने सोमवार को कहा, “ कल छह राज्यों में रेल नाकाबंदी सफलतापूर्वक लागू की गई थी. विरोध प्रदर्शन शुरू करने के बाद से यह हमारा सबसे सफल कार्यक्रम था. जहां तक हमारी रणनीति या आगे की रणनीति का सवाल है, हम जल्द ही एक बैठक करेंगे. बैठक में हमारे दोनों मंचों द्वारा रणनीति तय की जाएगी.”

उन्होंने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा बुलाए गए ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत रविवार को पंजाब में किसान, जो अपनी उपज के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी, पुलिस मामलों को वापस लेने और ऋण माफी सहित कई अन्य मांगों को लेकर लगभग एक महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, कई स्थानों पर रेलवे पटरियों पर बैठ गए. किसानों ने जालंधर कैंट सहित कई रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध किया.

बता दें कि, 13 फरवरी को सुरक्षाकर्मियों द्वारा उनके ‘दिल्ली चलो’ मार्च को रोके जाने के बाद से प्रदर्शनकारी किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर रुके हुए हैं. प्रदर्शनकारियों द्वारा रखी गई अन्य मांगों में किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कर्ज माफी और बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं आदि मांगें हैं.

इस मामले में सरकार ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ 18 फरवरी की आधी रात को समाप्त हुई अंतिम दौर की वार्ता के दौरान, तीन केंद्रीय मंत्रियों के पैनल ने केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से किसानों से पांच साल तक एमएसपी पर पांच फसलें – मूंग दाल, उड़द दाल, अरहर दाल, मक्का और कपास – खरीदने की पेशकश की थी. जिसे प्रदर्शनकारी किसानों ने ठुकरा दिया और अपने विरोध स्थलों पर लौट आए.

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