रांची: राज्यभर से पहुंचे कृषक मित्रों ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पूर्व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया और बादल पत्रलेख के खिलाफ नारेबाजी की. कृषक मित्र महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार ने बताया कि कृषक मित्र पिछले कई वर्षों से सरकार की विभिन्न योजनाओं को धरातल पर उतारने में सहयोग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सम्मानजनक मानदेय भी नहीं मिलता. कृषक मित्रों को सिर्फ कलम, बैग, कॉपी और स्टेशनरी के नाम पर 12 हजार रुपये प्रति वर्ष दिया जाता है. जबकि कृषक मित्रों से केसीसी, ई-केवाईसी, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, श्री विधि से खेती करना, मिट्टी जांच, किसान रजिस्ट्रेशन, धान अधिप्राप्ति, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, आपदा राहत कार्य, सुखाड़ राहत कार्य, चुनाव कार्य, कोविड-19 महामारी, कृषि यंत्र आवेदन, डोभा निर्माण, पशुपालन विभाग, मनरेगा योजना सहित कई तरह के काम लिए जाते हैं.
कृषक मित्रों की मुख्य मांगें
कृषक मित्रों की मांग है कि कृषक मित्रों का मानदेय भी कुशल मजदूरों के बराबर किया जाए. कृषक मित्रों के मौत के बाद उनके आश्रितों को को अनुकंपा पर नौकरी दी जाए. कृषि विभाग में निकलने वाली बहाली में 50% आरक्षण कृषक मित्रों को दी जाए. उन्हें बीमा भत्ता भी दिया जाए. नौकरी की 65 वर्ष उम्र सीमा सुनिश्चित की जाए.