नई दिल्ली: भौतिकी की क्षेत्र में महिलाओं के अधिकारों और समान अवसरों की मुखर समर्थक, रोहिणी गोडबोले का शुक्रवार को निधन हो गया. वह 72 वर्ष की थीं और उनका योगदान विज्ञान जगत में अमूल्य रहेगा.

कौन थीं रोहिणी गोडबोले

पद्म श्री से सम्मानित गोडबोले ने 25 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु के उच्च ऊर्जा भौतिकी केंद्र में कार्य किया. 2018 में सेवानिवृत्ति के बाद भी वह मानद प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं देती रहीं. महाराष्ट्र के पुणे में जन्मी गोडबोले ने एसपी कॉलेज और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बॉम्बे से शिक्षा प्राप्त की. उन्होंने 1979 में अमेरिका के स्टोनी ब्रूक्स विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी. रोहिणी गोडबोले की वैज्ञानिक उपलब्धियां और उनकी समाज के प्रति प्रतिबद्धता हमेशा याद की जाएगी.

पीएम मोदी ने जताई संवेदना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोडबोले के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “श्रीमती रोहिणी गोडबोले जी के निधन से बहुत दुःख हुआ. वह एक अग्रणी वैज्ञानिक और नवोन्मेषक थीं, जिन्होंने विज्ञान में महिलाओं की अधिक भागीदारी के लिए आवाज उठाई. उनके शैक्षणिक प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ओम शांति.”

https://x.com/narendramodi/status/1849837039157641604

Also Read: कैप्टन कूल अब वोट के लिए करेंगे जागरूक, चुनाव आयोग ने एमएस धोनी को बनाया ब्रांड एंबेसडर

Share.
Exit mobile version