लखनऊ : उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने दुनिया को अलविदा कह दिया. मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार की आधी रात को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह 71 वर्ष के थे. मुनव्वर राणा कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. वह बीमार चल रहे थे. लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें गुरुवार तड़के लखनऊ के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी बेटी सुमैया राणा ने जानकारी दी थी कि उनके पिता वेंटिलेटर पर हैं और उनकी हालत गंभीर है.

बताया गया कि तबीयत बिगड़ने पर मुनव्वर को पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.मुनव्वर की बेटी सुमैया ने बीते गुरुवार सुबह करीब साढ़े तीन बजे जारी एक वीडियो में कहा था कि पिछले दो-तीन दिनों से मेरे पिता की तबीयत बिगड़ रही है. डायलिसिस के दौरान उनके पेट में तेज दर्द हुआ. डॉक्टरों ने सीटी स्कैन किया और उनके पित्ताशय में कुछ समस्या पाई, फिर उनका ऑपरेशन किया गया.

बता दें कि मुनव्वर राणा भारत के मशहूर शायर थे. उन्होंने कई ग़ज़लें लिखी हैं. उन्होंने देश में असहिष्णुता का आरोप लगाते हुए 2014 में उर्दू साहित्य के लिए मिले साहित्य अकादमी पुरस्कार को ठुकरा दिया था. तब उन्होंने कभी भी सरकारी पुरस्कार स्वीकार नहीं करने की कसम खाई थी. वह उत्तर प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम में भी सक्रिय रहते थे. खुद उनकी बेटी सुमैया समाजवादी पार्टी की सदस्य हैं. राणा अक्सर अपने राजनीतिक बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते थे.

 

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