भागलपुर: साइबर ठगों ने भागलपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक, डॉ. विनय कुमार मिश्रा को अपनी ठगी का शिकार बना लिया. ठगों ने एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से वॉयस क्लोनिंग की तकनीक का इस्तेमाल कर डॉक्टर को धोखा दिया और उन्हें 50 हजार रुपये ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया. इस घटना के बाद, डॉ. विनय ने साइबर थाने में मामला दर्ज कराया है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
पूरा मामला
डॉ. विनय कुमार मिश्रा के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आई. कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को उनका पुराना मित्र विजय प्रसाद बताया और उनकी आवाज हूबहू विजय प्रसाद जैसी निकाली. विजय प्रसाद ने मेडिकल इमरजेंसी का हवाला देते हुए तत्काल 50 हजार रुपये की मांग की. विश्वास करके डॉ. विनय ने ऑनलाइन पेमेंट ऐप के जरिए रुपये ट्रांसफर कर दिए. पैसा ट्रांसफर होने के कुछ ही समय बाद, उसी नंबर से डॉ. विनय को फिर से कॉल आई और 49 हजार रुपये और भेजने की मांग की गई. इस बार डॉ. विनय ने ऑनलाइन एप में पैसे की कमी बताई, तो ठग ने उन्हें एक अकाउंट नंबर दिया और एटीएम कार्ड से पैसे ट्रांसफर करने को कहा. तब डॉ. विनय को संदेह हुआ और उन्होंने अपने पुराने मित्र विजय प्रसाद के असली नंबर पर कॉल किया. डॉ. विनय ने जब अपने मित्र से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें पैसों की कोई जरूरत नहीं थी, तब डॉक्टर को समझ में आ गया कि वह साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं. इसके बाद डॉ. विनय ने तुरंत साइबर फ्रॉड हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई और फिर साइबर थाना जाकर केस दर्ज कराया.
पुलिस जांच में जुटी
साइबर ठगों द्वारा किए गए इस धोखाधड़ी के मामले में साइबर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस के अनुसार, ठगों ने वॉयस क्लोनिंग के जरिए डॉक्टर की दोस्त की आवाज का इस्तेमाल किया था, जिससे वह पूरी तरह से विश्वास करके पैसे ट्रांसफर कर बैठे.