बलरामपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। कोरोना पीड़ित के शव को घर ले जा रहे परिजनों ने तुलसीपुर हाईवे पर स्थित राप्ती नदी के सिसई घाट से शनिवार की दोपहर बारिश के दौरान एक शव नदी में फेंक दिया। मामले का वीडियो वायरल हो जाने से प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया।
जिसके बाद एडीएम ए के शुक्ल ने मामले की जांच सीएमओ को सौंपी। सीएमओ डॉक्टर वी बी सिंह ने बताया कि जांच के बाद यह पता चला है कि शोहरतगढ़ जनपद सिद्धार्थ नगर निवासी प्रेम नाथ मिश्रा को गत 25 मई के दिन सांस लेने में दिक्कत हुई थी। उनके भतीजे संजय कुमार ने प्रेमनाथ को इलाज के लिए जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान 28 मई को प्रेम नाथ की मौत हो गई। 29 मई की दोपहर प्रेमनाथ का शव भतीजे संजय कुमार ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत प्राप्त किया।
शव को घर ले जाते समय संजय कुमार तथा उसके साथी ने बारिश के बीच शव पुल से राप्ती नदी में फेंक दिया और फरार हो गए। शव को फेंकने के दौरान कार से गुजर रहे कुछ लोगों ने घटना का वीडियो बना लिया।
देहात कोतवाली में संजय कुमार तथा उनके एक अज्ञात साथी के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज करा दिया गया है। देहात कोतवाल विद्यासागर वर्मा ने बताया कि आरोपियों की तलाश की जा रही है।
कोरोना काल के दौरान मई महीने में बड़ी संख्या में शव प्रदेश के कई जिलों में गंगा नदी में उतराते देखे गए थे जिसे लेकर प्रदेश सरकार निशाने पर आ गई थी। तब लोगों में आम धारणा यह थी कि कोरोना संक्रमण से बड़ी संख्या में हो रही मौतों से शवों का अंतिम संस्कार भी ठीक से नहीं हो पा रहा है।