विवेक शर्मा
रांची : सदर हॉस्पिटल में व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर विभाग रेस है. हाईटेक सुविधाएं भी हॉस्पिटल में उपलब्ध कराई जा रही है. अब सदर हॉस्पिटल में आई डिपार्टमेंट भी अपग्रेड हो रहा है. आई डिपार्टमेंट में फेको विधि से ऑपरेशन के लिए एसआईसीएस मशीन लगाई गई है. एक महीने पहले ही यह मशीन इंस्टाल की गई थी. जिससे कि अब सर्जरी की जा रही है. एक छोटा सा चीरा लगाकर सर्जरी की जाती है. इसमें मरीज को न तो दर्द होता है और न ही टांका लगाने की जरूरत पड़ती है. बुधवार को हॉस्पिटल में ग्लूकोमा से ग्रसित एक बुजुर्ग महिला की सर्जरी डॉ प्रतिश प्रणय के द्वारा की गई. फेको विधि से उनकी सर्जरी निशुल्क की गई है. जबकि इस ऑपरेशन के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल में 15-20 हजार रुपये तक लगते है. वहीं बड़े हॉस्पिटलों में खर्च और बढ़ जाता है.
हफ्ते में चार दिन सर्जरी
अगर किसी भी मरीज को मोतियाबिंद की शिकायत है तो वह सदर हॉस्पिटल में टेस्ट कराकर सर्जरी करा सकता है. इसके हफ्ते में चार दिन सर्जरी की जा रही है. सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को सर्जरी का दिन निर्धारित किया गया है. छुट्टी का दिन होने पर इन दिनों में सर्जरी नहीं की जाएगी. इसके लिए सदर में दो डॉक्टर और उनकी पूरी टीम लगी हुई है. डॉ वत्सल लाल और प्रतिश प्रणय अलग-अलग दिन मरीजों की सर्जरी कर रहे है.
नई मशीनों से लैस हुआ विभाग
आई डिपार्टमेंट में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. वहीं रांची के अंतर्गत आने वाले 14 ब्लॉक में विजन सेंटर का संचालन किया जा रहा है. इन सेंटरों पर जांच कराने वाले मरीज भी रांची सदर हॉस्पिटल में रेफर किए जाते है. इसलिए विभाग को हाईटेक बनाया गया है. आई डिपार्टमेंट में नॉन कांटैक्ट टोनोमीटर, आटो विद कैरोटोमीटर, 3 एन 5 स्टेप स्लीट लैंप्स भी लगाए गए है. जिससे कि मरीजों के आंखों का बेहतर इलाज हो सके.
विजन सेंटर पर फॉलोअप के इंतजाम
मरीजों के इलाज के बाद उन्हें फॉलोअप के लिए अब राजधानी की दौड़ नहीं लगानी होगी. फॉलोअप के लिए ब्लॉक में बने विजन सेंटर पर इंतजाम किए गए है. जहां पर आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर और आप्थैल्मिक असिस्टेंट उनकी जांच कर सलाह देंगे. इससे उन्हें बार-बार सदर हॉस्पिटल की दौड़ नहीं लगानी होगी. आपात स्थिति में उन्हें सदर हॉस्पिटल रांची भेजा जाएगा.
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