रांची : आईरिस आई केयर अस्पताल के छह वर्ष पूरे होने पर 10 दिसंबर को नेशनल सीएमई का आयोजन किया गया है. जिसमें कोलकाता, मुंबई और बेंगलुरु के प्रतिष्ठित डॉक्टर शामिल होंगे. जहां वे आंखों के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली नई तकनीकों से अवगत कराएंगे. वहीं अपने अनुभव भी साझा करेंगे. डॉक्टरों ने बताया कि आईरिस आई हॉस्पिटल रेटिना, मोतियाबिंद, काला मोतियाबिंद सहित आंखों के अन्य बीमारियों का इलाज कर रहा है. वहीं 10 महीने के छोटे बच्चे के आंखों की भी सर्जरी की गई है. उन्होंने कहा कि मरीजों को सस्ता और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है. एजुकेशन के अलावा रिसर्च पर भी काम किया जा रहा है. जिससे कि आने वाले समय में झारखंड वासियों को इसका लाभ मिलेगा. सीएमई के दौरान लाइव सर्जरी भी की जाएगी.
आयुष्मान के तहत हो रहा इलाज
बता दें कि विगत 6 वर्षों में आईरिस के द्वारा 121339 ओपीडी, 7018 आईपीडी, 3622 कैटरैक्ट, 3037 रेटीना, 343 ओक्यूप्लास्टी, 6 ग्लूकोमा और 10 कॉर्निया की सफलतापूर्वक सर्जरी की गई है. इसके अलावा पीडियाट्रिक ऑप्थल में 31 एलवीए, 30 आर्थोआप्टिक्स, 42 विजन थेरेपी, 14 कॉन्टैक्ट लेंस, 3000 से अधिक आरओपी स्क्रीनिंग, 6 एंबलीओपिया, 50 निशुल्क (चैरिटी) के तहत और करीब 800 मरीजों का आयुष्मान योजना के तहत इलाज किया गया.
ये रहे मौजूद
कंसल्टेंट विट्रो रेटिना सर्जन सह मैनेजिंग पार्टनर डॉ सुबोध कुमार सिंह, सिद्धांत जैन मैनेजिंग पार्टनर, रिफ्रैक्टिव सर्जन डॉ गोपाल सिंह, डॉ एम सिराज अली ग्लूकोमा कंसल्टेंट, पीडियाट्रिक ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट सर्जन डॉ दीपिका सिंह, ओक्यूलोप्लास्टी, ऑन्कोलॉजिस्ट एवं स्किंट सर्जन डॉ गौतम लोकदर्शी, विट्रो रेटिना फेलो डॉ स्वर्णिम और डॉ नवनीत (रेटिना सर्जन) मौजूद थे.