रांची : नीट इंस्टीट्यूट की तैयारी कराने वाले कोचिंग के शिक्षक और डायरेक्टर ने आरोप लगाया कि जहां 4 टॉपर अधिकतम होते थे वहां 67 बच्चों का टॉप करना एक धांधली है. कुछ बच्चों को 718, 719 नंबर पाए, जो पाना असंभव है. 10 दिन पहले अचानक रिजल्ट आया ताकि चुनावी नतीजों में बच्चों की आवाज दब जाए. परीक्षा के एक सेंटर से एक हीं रोल नंबर के सीरीज में 6 बच्चे रैंक 1 कैसे हो सकते है? नीट में 720 नंबर वाले 67 टॉपर कैसे हो सकता है? सिस्टम में इस खामी से 650 से ज्यादा नंबर लाने वाले 3 गुणा बढ़ गए हैं.
उन्होंने पूछा कि ग्रेस मार्क्स वाले बच्चे कैसे टॉपर बन सकते हैं. बहुत सारे परीक्षा सेंटर पर पेपर लीक की खबरें आयी, तो NTA ने बिना एक्शन लिए कैसे रिजल्ट पब्लिश कर दिया. अगर ग्रेस मार्क्स का प्रोविजन है तो ये नीट के इनफॉर्मेशन ब्रोशर में क्यों मेंशन नहीं था ? उन्होंने कहा कि जिन बच्चों को ग्रेस मार्क्स मिला है, उनका री एग्जाम होना चाहिए.
एक्सपर्ट्स ने कहा कि जिन शहरों में पेपर लीक हुए हैं, वहां री नीट कंडक्ट कराना चाहिए. इस काम में जो भी लोग शामिल हैं उन दोषियों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. हजारों मेहनती छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जाए. मौके पर बायोम के डायरेक्टर पंकज सिंह, डॉ शशि भट्ट, विकास कुमार समेत रांची के कई इंस्टीट्यूट के एक्सपर्ट्स मौजूद थे.