रांची: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड के मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत कर्मियों को कार्यस्थल पर स्ट्रेस मैनेजमेंट पर एक दिवसीय प्रशिक्षण मंगलवार को कांके रोड स्थित होटल होलीडे होम में आयोजित किया गया. सत्र में सीआईपी रांची के डॉ. निशांत गोयल ने कहा कि कार्यस्थल पर तनाव हमारे जीवन का अभिन्न अंग है. उन्होंने बताया कि तनाव को समझना और उसे कम करना आवश्यक है ताकि प्रोडक्टिविटी को बढ़ाया जा सके. उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हम दूसरों को नहीं बदल सकते, लेकिन स्वयं को बदल सकते हैं. साथ ही कहा कि बातचीत से बहुत सारी परेशानियों का हल संभव है. आध्यात्मिक संस्था ब्रह्मा कुमारी की बीके इंदु ने कार्य के दृष्टिकोण के महत्व पर बात की. उन्होंने कहा कि तनाव का मूल कारण कार्य करने का तरीका होता है और एक व्यक्ति का आध्यात्मिक ध्यान पूरे परिवार को लाभ पहुंचा सकता है.
योगाभ्यास और शारीरिक गतिविधियों का महत्व
रिनपास के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पीके सिंह ने योगाभ्यास और शारीरिक गतिविधियों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि नियमित दिनचर्या से तनाव को कम किया जा सकता है. इस कार्यक्रम में डॉ. शांतना समन्वयक नेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम ने कार्यालय में तनाव प्रबंधन पर अपनी प्रस्तुति दी. इस दौरान मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम को बेहतर तरीके से संचालित करने वाले मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक, एएनएम और अन्य कर्मियों को सम्मानित किया गया. बोकारो के डॉ. प्रशांत कुमार मिश्रा, जमशेदपुर के डॉ. दीपक कुमार गिरि और गुमला के डॉ. शाहीद अहमद को क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया. वहीं कार्यक्रम में डॉ. पूजा, कीर्तिका कपूर, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. पुष्पा, और डॉ. अनिल कुमार सहित अन्य ने भी अपने विचार साझा किए.