Joharlive Team
- महज 3 सीटों पर सिमट सकती है झाविमो।
- टक्कर में आजसू भी पीछे, लेकिन झाविमो से आगे।
रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान होने के साथ ही एग्जिट पोल ने राज्य का माहौल गर्म कर दिया है। चारों ओर एग्जिट पोल के चर्चे हैं और यह संभावना जताई जा रही है झारखंड में त्रिशंकु सरकार बन सकती है। इंडिया टुडे, सी वोटर आदि के सर्वे के अनुसार किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलती नजर नहीं आ रही। लेकिन एग्जिट पोल का एक बड़ा झटका झाविमो को लगा है। किसी भी सर्वे में झाविमो को 4 सीट से अधिक नहीं मिलती नजर आ रही है। यदि एग्जिट पोल सही हुई तो बाबूलाल मरांडी के लिए यह विधानसभा चुनाव सबसे निराशाजनक साबित होगी।
इंडिया टुडे और एक्सिस के सर्वे ने झाविमो को 2 से 4 सीट मिलने की बात कही है। वहीं सी वोटर की सर्वे में झाविमो का नाम तक नहीं है। अन्य सर्वे के आधार पर भी झाविमो तीन से चार सीट लाने में ही सक्षम दिख रही है। सुरेश महतो की पार्टी आजसू झाविमो से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 5 से 6 सीटों पर बढ़त बनाने की स्थिति में है।
बाबूलाल के किंगमेकर बनने का सपना भी अधूरा –
चुनाव के दौरान यह संभावना जताई जा रही थी कि यदि किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलती है तो बाबूलाल मरांडी और सुदेश महतो किंगमेकर की भूमिका में नजर आएंगे। लेकिन एग्जिट पोल ने बाबूलाल के अरमानों पर पानी फेर दिया है। यदि एग्जिट पोल पर मुहर लगती है तो बाबूलाल मरांडी का राजनीतिक कैरियर ढलान पर चला जाएगा।
पिछली बार 7 सीटें ले कर आई थी झाविमो –
2014 के विधानसभा चुनाव में झाविमो ने 7 सीटें हासिल की थी। इनमें से 2 सीटें चंदनकियारी व डाल्टनगंज ऐसे थे जहां से जीतने के बाद विधायक प्रत्याशी भाजपा में चले गए थे। इस बार भी चंदनक्यारी से अमर बावरी भाजपा की ओर से और डाल्टनगंज से आलोक चौरसिया भाजपा की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं। बाकी सीटों पर भी झाविमो के हाथ खाली नजर आ रहे हैं। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में खुद बाबूलाल मरांडी को कोडरमा सीट से बड़ी हार का सामना करना पड़ा था।