Joharlive Desk
मिदनापुर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रसार को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों को अपने गृह राज्यों तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है और ऐसे में पश्चिम बंगाल और झारखंड ने सीमा पर एक-दूसरे के प्रवासी मजदूरों का आदान-प्रदान कर एक नयी पहल शुरू की है।
मिदनापुर-सिंहभूम सीमा पर अधिकारियों की मौजूदगी में बुधवार को झारखंड से 254 और बंगाल से 129 प्रवासी मजदूरों का आदान-प्रदान किया गया। अधिकारियों ने कहा कि यह कार्यक्रम सुरक्षित है और देश में ऐसा पहली बार हो रहा है।
प्रवासी मजदूरों के लिए बसों के जरिए सीमा तक पहुंचने का प्रबंध अधिकारियों ने किया। मजदूरों को यहां भोजन के पैकेट भी दिए गए। बंगाल के रोजगार अधिकारी सिद्धार्थ गुन की निगरानी में मजदूरों की चिकित्सा संबंधी जांच भी की गयी।
इस अवसर पर मौजूद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “ माओवादी आंदोलन को नियंत्रित करने का हमारा संयुक्त प्रयास 100 प्रतिशत सफल रहा है। और यह अनूठा तरीका पूरे देश के लिए एक मिसाल है।” सूत्रों के मुताबिक प्रवासी मजदूरों के आदान-प्रदान की इस प्रक्रिया को और राज्यों में भी अपनाया जा सकता है।