Joharlive Team

मेदिनीनगर : मेदिनीनगर नगर निगम के वार्ड पार्षदों ने बोर्ड की बैठक का बहिष्कार कर दिया। वार्ड पार्षदों के एकजुटता के आगे डिप्टी मेयर मंगल सिंह व नगर आयुक्त दिनेश प्रसाद का मान मनौवल काम नहीं आया। बोर्ड की बैठक में अपने अनदेखी से वार्ड पार्षद नाराज़ हैं। बोर्ड बैठक शुरू होने के पहले वार्ड पार्षदों ने रणनीति बनाने के लिए बैठक की। जिसमें सर्वसम्मति से बोर्ड बैठक के बहिष्कार का निर्णय लिया। वार्ड पार्षदों ने कहा कि जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है लेकिन निगम के आय-व्यय की जानकारी पार्षदों को नहीं दी जा रही। बोर्ड की बैठक में वार्ड पार्षदों के एजेंडे को जगह नहीं दिया जाता। जबकि नियम के मुताबिक वार्ड पार्षद का एजेंडा ही सर्वोपरि है। बैठक के बाद प्रोसिडिंग बदल दिया जाता है। वार्ड पार्षद जिस मामले का विरोध करते हैं उसकी भी सम्पुष्टि कर दी जाती है। ऐसा अब नहीं चलेगा। बोर्ड की बैठक में वार्ड पार्षद तभी शामिल होंगे जब उनके एजेंडे पर चर्चा होगा। बोर्ड की बैठक प्रत्येक माह करने का नियम है लेकिन मेदिनीनगर नगरनिगम का अपना नियम है। 15 माह में सात बार बोर्ड की बैठक हुई है। जनभावना से खिलवाड़ किया जा रहा है।इसलिये टकराहट वार्ड पार्षदों की मजबूरी हो गई है। जनता से यदि टैक्स वसूली किया जा रहा है तो उन्हें सुविधा भी मिलना चाहिए। इस मौके पर वार्ड पार्षद प्रदीप अकेला, सुमित तिवारी, विवेकानन्द त्रिपाठी, सुषमा आहूजा,राजीव शुक्ला, निरंजन प्रसाद,प्रमिला देवी सहित सभी वार्ड कमिश्नर मौजूद थे।

बोर्ड बैठक की वीडियोग्राफी कराने की मांग

पार्षदों ने नगर आयुक्त को 10 सूत्री मांग पत्र सौंपा।जिसमें बोर्ड बैठक के लेखा पुस्तिका पर तत्काल सदन के अध्यक्ष का हस्ताक्षर कराया जाए व एक सप्ताह में प्रोसिडिंग पार्षदों को उपलब्ध कराया जाए।बोर्ड बैठक की वीडियोग्राफी कराई जाए। सभी योजनाओं के वितीय स्थिति की जानकारी दी जाए। मासिक बोर्ड का एजेंडा वार्ड पार्षदों द्वारा लिया जाए। योजना का चयन धारा 381 के तहत किया जाए। धारा 119 के तहत आय-व्यय का ब्यौरा बोर्ड में लाया जाए। सभी वार्ड में वार्ड कमिटी गठन हो।

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