रांची: रांची नगर निगम शहर को साफ और स्वच्छ बनाने का दावा करता है. वहीं हर दिन डोर टू डोर कलेक्शन करने की भी बातें होती है. लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. आज 10-10 दिनों से लोगों के घरों और प्रतिष्ठानों में कचरा पड़ा है. लेकिन नगर निगम की गाड़ियां कूड़ा उठाने के लिए नहीं आ रही है. टाइम से वेस्ट यूजर चार्ज देने के बाद भी कचरे का उठाव नहीं हो रहा है. ऐसे में गुस्साएं लोगों ने वेस्ट यूजर चार्ज लेने वाली एजेंसी को भगाना शुरू कर दिया है. लोगों का कहना है कि कचरा उठता ही नहीं है तो हम पूरे महीने का चार्ज क्यों दे. इसकी शिकायत भी रांची नगर निगम में पहुंच रही है.
वार्डों की तुलना में कम गाड़ियां
रांची नगर निगम के अंतर्गत 53 वार्ड है. जहां पर सवा दो लाख से अधिक हाउस होल्डर रजिस्टर्ड है. प्रत्येक वार्ड पर 5-6 गाड़ियां ही नगर निगम ने दी है. ऐसे में पूरे वार्ड से हर दिन कचरे का उठाव नहीं हो रहा है. उसमें भी कई गाड़ियां ब्रेक डाउन रहती है. इसका भी असर कूड़ा उठाव पर पड़ रहा है. यहीं वजह है कि गाड़ियां हफ्ते भर कचरा उठाने नहीं आती. और जाब आती है तो एक-दो मोहल्ले में ही गाड़ी फुल हो जाती है.
हर दिन 6 हजार मीट्रिक टन कचरा
शहर का विस्तार हो रहा है. वहीं आए दिन नए घर और फ्लैट का लोड बढ़ता जा रहा है. जिससे कि शहर से निकलने वाला कचरा भी बढ़ा है. आबादी बढ़ने के बाद से शहर से हर दिन लगभग 6 हजार मीट्रिक टन कचरा निकलता है. जिसे कलेक्ट कर झिरी डंपिंग यार्ड पहुंचाया जाता है. अब वहां पर गीले कचरे से गैस बनाने के लिए प्लांट तो बनकर तैयार है. लेकिन जरूरत का कचरा ही नहीं मिल पा रहा है. प्लांट में जहां हर दिन 150 टन गीले कचरे की जरूरत है. वहां नगर निगम उसका आधा भी नहीं दे पा रहा है. ऐसे में प्लांट के संचालन को लेकर भी सवाल उठने लगे है.
केस-1
पिस्का मोड़ के लक्ष्मीनगर में कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां 10 दिन के बाद ही आती है. लोगों ने इसकी शिकायत भी दर्ज कराई. फिर भी कूड़ा उठाव में कोई सुधार नहीं हुआ.
केस-2
लोअर वर्द्धमान कंपाउंड में भगत मैदान के पास भी कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां नहीं आती है. लोगों ने बताया कि 10 दिन या उससे भी अधिक हो जाता है. कई लोग तो रोड पर ही कचरा डाल रहे है. वेस्टू यूजर चार्ज लेने वाले को भगाया गया है.