जामताड़ा : नई हाईटेक व्यवस्था के साथ लोगों को सेवा देने के लिए अपने नए रूप में तैयार हो गया है जिले का सबसे पुराना और पोपुलर नर्सिंग होम. जाने माने चिकित्सक डॉक्टर सुदर्शन गुटगुटिया के सपनों को पूरा कर रही है उनकी बेटी प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर इशा गुटगुटिया सुद्रानिया और उनके दामाद न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर मनोज सुद्रानिया. सोमवार को नर्सिंग होम में अधिष्ठान यूरो-गायनी केयर यूनिट का उद्घाटन किया गया. इस नवीनतम सुविधा की शुरूआत के साथ जामताड़ा के स्थानीय लोग अब पॉपुलर नर्सिंग होम में आईसीयू, एनआईसीयू और एंडोस्कोपी की सेवा का लाभ उठा सकते हैं.

सोमवार को मुख्य अतिथि के रूप में शामिल सिविल सर्जन डॉ. अभय भूषण प्रसाद, साथ में डॉ. एस.के.गुटगुटिया-निदेशक पॉपुलर नर्सिंग होम, डॉ. मनोज सुद्रानिया-यूरोलॉजिस्ट, डॉ. ईशा गुटगुटिया सुद्रानिया,  डॉ. बशर इमाम अहमद, डॉ. अयान चक्रवर्ती, प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मीशंकर सिंह, डॉ. बिक्रमजीत दास, डॉ. बिमल कहार, डॉ. अशफाक अहमद, डॉ. राहुल गोयल, डॉ. अरविंद राम, डॉ राजदेव आदि ने संयुक्त रूप से इस नए व्यवस्था का शुभारंभ किया.

इस अवसर पर पॉपुलर नर्सिंग होम के निदेशक डॉ. एस.के.गुटगुटिया ने कहा कि पॉपुलर नर्सिंग होम जामताड़ा, झारखंड का एक मान्यता प्राप्त और प्रसिद्ध अस्पताल है. आज हम आधुनिक और उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं से सुसज्जित हैं और स्वास्थ्य सेवा उद्योग में एक लोकप्रिय नाम है. हमारे पास सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम है जो जटिल चिकित्सा मामलों को संभाल सकते हैं. पॉपुलर नर्सिंग होम जामताड़ा में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में अग्रणी रहा है, अब इस यूरो-गायनी केयर यूनिट की शुरुआत के साथ हम सर्वोत्तम श्रेणी के नैदानिक ​​​​परिणाम और रोगी अनुभव प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीक प्रदान करने में सक्षम होंगे.

अधिष्ठान यूरो-गायनी केयर यूनिट के मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज सुद्रानिया ने इस मौके पर कहा कि गरीबी, खराब स्वच्छता, प्रदूषक, जल प्रदूषण, भीड़भाड़, ज्ञात और अज्ञात नेफ्रोटॉक्सिन (स्वदेशी उपचार में भारी धातुओं और पौधों के विषाक्त पदार्थों सहित) भारत में ग्लोमेरुलर और अंतरालीय किडनी रोगों का कारण बनते हैं. हमारा उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों तथा अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करना है.

इस अवसर पर उपस्थित अधिष्ठान यूरो-गायनी केयर यूनिट की डॉ. ईशा गुटगुटिया सुद्रानिया-प्रसूति एवं स्त्री रोग ने कहा कि महिलाएं गर्भवती हो जाती हैं, मैंने पाया है कि उन्हें अल्ट्रासाउंड स्कैन के महत्व का एहसास नहीं है. अधिकांश भारतीय महिलाएं प्रजनन क्षमता पर उम्र के प्रभाव से अनजान हैं. प्रजनन क्षमता की आदर्श उम्र, प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने वाले कारक और उप-उपजाऊ जोड़ों के लिए उपलब्ध प्रजनन विकल्पों के बारे में ज्ञान में सुधार के लिए लक्षित शैक्षिक और जागरूकता हस्तक्षेप की आवश्यकता है. इस अवसर पर शहर के सभी प्रसिद्ध चिकित्सक, समाजसेवी, सामाजिक कार्यकर्ता, मारवाड़ी युवा मंच के सदस्य आदि उपस्थित हुए.

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