रांचीः राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य में 15326 एड्स के मरीज हैं लेकिन लोगों को जागरूक और सावधान रहने की जरूरत है. तभी इसका खात्मा संभव है. झारखंड संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी हुई है. जबकि मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में राष्ट्रीय औसत की तुलना में झारखंड में कमी आयी है. उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री ने शुक्रवार को विश्व एड्स दिवस पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही. उन्होंने कहा कि एड्स के खात्मे को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से संकल्पित है. इससे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता व अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. वहीं, डीएसपीएमयू की छात्रा ने गणेश वंदना पर नृत्य की प्रस्तुति की. जबकि नुक्कड़ नाटक मंडली के द्वारा एड्स पर नाटक का मंचन व गीत की प्रस्तुति की गयी.
एड्स के उन्मूलन में आगे बढ़ रहा है देश: कुलपति
डीएसपीएमयू के कुलपति तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि देश की बड़ी आबादी एचआईवी से प्रभावित हुई है. 15 से 49 साल के आयु के बीच के 25 लाख लोग एचआईवी पॉजिटिव हैं. लेकिन इसके उन्मूलन की दिशा में हम सभी आगे बढ़ रहे हैं. हमें भी संकल्प लेना होगा कि एड्स को जड़ से खात्मा करें.
एड्स मरीजों की प्रतिरोधात्मक क्षमता कम हो जाती है : अरुणा
अपर मुख्य सचिव अरुण कुमाल सिंह ने कहा कि एड्स पॉजिटिव मरीज के प्रतिरोधात्मक क्षमता कमा हो जाती है. एचआईवी का वायरस वाइट ब्लड सेल (डब्लूबीसी) पर प्रहार करता है. इस साल एड्स दिवस का थीम है, लेट कम्युनिटी लीड ऐसे में समाज के लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक और सचेत रहने की जरूरत है. राज्य सरकार एड्स पीड़ितों को पेंशन , राशन और आयुष्मान भारत की सुविधा से इलाज की व्यवस्था कर चुकी है.
ये रहे मौजूद
मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, जेसेक्स के परियोजना निदेशक जय किशोर प्रसाद, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवा बीरेंद्र प्रसाद सिंह, डीएसपीएमयू के कुलपति तपन कुमार शांडिल्य, डीएसडब्लू अब्बास, ट्रांसजेंडर कम्युनिटी की अमरजीत समेत अन्य मौजूद रहे.
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