जम्मू-कश्मीर : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार रात जम्मू-कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटाने की घोषणा की, जिससे प्रदेश में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो गया है. 31 अक्टूबर 2019 को लागू आदेश अब निरस्त कर दिया जाएगा, जो जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से प्रभावी था. गृह मंत्रालय ने बताया कि नए नियम जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 के तहत मुख्यमंत्री की नियुक्ति से पहले लागू होंगे.
2018 से थी केंद्र की सरकार
2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था, जिसके बाद वहां राष्ट्रपति शासन लागू था और राजनीतिक गतिविधियां सीमित थीं. अब राष्ट्रपति शासन हटने से राज्य का दर्जा बहाल होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. बता दें कि 2018 में भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई थी और तब से जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन था.
नई राजनीतिक शुरुआत की उम्मीद
इस निर्णय को जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक स्थिरता और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति के साथ प्रदेश में नई राजनीतिक शुरुआत की उम्मीद जताई जा रही है, जो जनता के लिए सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ लेकर आएगी.
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