मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद
पांच वर्ष बाद शीर्ष माओवादी मिसिर बेसरा की कोर टीम के साथ हुई मुठभेड़, मुख्यालय ध्वस्त
चाईबासा : चाईबासा के टोटो थाना क्षेत्र में नक्सलियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हुई। इसके बाद सुरक्षा बलों ने जंगलों में सर्च अभियान चलाया। सर्च अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री के साथ कई सामान बरामद किए। इस दौरान सुरक्षा बलों ने नक्सलियों का एक मुख्यालय को ध्वस्त किया। इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है। इन दोनों को एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया।
घायल जवानों के नाम हेड कांस्टेबल मुन्ना कुमार और सुशांत कुमार है, यह दोनों सीआरपीएफ के 60 बटालियन के जवान हैं। मेडिका में लाने के बाद सुशांत कुमार की स्थिति काफी गंभीर थी उनके सीने में गोली लगी इस वजह से डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सुशांत कुमार मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले थे वही दूसरे जवान मुन्ना कुमार का इलाज जारी है।
सुरक्षा बल लगातार इन इलाकों में अभियान चला रहे हैं। जंगल के इलाकों में लैंड माइंस और कई स्पाइक छिपी है। जिससे नक्सली सुरक्षा बलों का रास्ता रोकने की कोशिश करते हैं। जिले के टोंटो थाना क्षेत्र इलाके में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। चार साल में पहली बार सुरक्षा बल भाकपा माओवादी नक्सली संगठन सेंट्रल कमेटी और एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के करीब पहुंच गयी है।
नक्सली का एक मुख्यालय को ध्वस्त
बताया गया कि भाकपा माओवादी किस सिर्फ नेता मिसिर बेसरा रमेश उर्फ अनल, अजय महतो, अनमोल, चमन, साजन, अश्विन अपने दस्ता सदस्यों के साथ विध्वंसक गतिविधि में भ्रमण पर था। सूचना मिलते ही इसके खिलाफ चाईबासा पुलिस, कोबरा, झारखंड जगुआर और उनकी टीमों ने एक संयुक्त अभियान दल का गठन कर सर्च अभियान चलाया। पांच वर्ष बाद शीर्ष माओवादी मिसिर बेसरा की कोर टीम के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई। सुरक्षा बलों ने नक्सली का एक मुख्यालय को ध्वस्त कर दिया।
17 आईईडी बरामद
सर्च अभियान के दौरान नक्सलियों के बने हुए कई बंकरों को ध्वस्त किया गया। अलग-अलग स्थान पर कुल 11 बंकर था जिसमें भारी मात्रा में गोला बारूद एवं दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद किया गया। अभियान के दौरान कुल 17 आईईडी बरामद किया गया।
जंगल में सिमट गये हैं नक्सली
सुरक्षा बल की मुठभेड़ मिसिर बेसरा के गिरोह के साथ हुई है। नक्सलियों के साथ हुई इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ कोबरा बटालियन और झारखंड पुलिस की ओर से झारखंड जगुआर की टीम शामिल थी। दोनों तरफ से कई राउंड गोलियां चली और मिसिर बेसरा अपने दस्ते के साथ पीछे हटने को मजबूर हो गया। इस अभियान की सफलता के बाद नक्सलियों का दायरा और छोटा हो गया है।
बंकर किया गया ध्वस्त थी कई सुविधाएं
अभियान की सफलता के बाद मिसिर बेसरा के बेस कैंप को सुरक्षा बलों ने ध्वस्त कर दिया। बंकर 20 गुणा 40 के आकार में था और यही से एक करोड़ का ईनामी नक्सली मिसिर बेसरा ऑपरेट कर रहा था। बंकर में लाइट की सुविधा से लेकर दैनिक जरूरत का हर सामान मौजूद था। बंकर में सुरक्षा बलों को मोर्टार, विस्फोटक सहित अन्य हथियार और नक्सली साहित्य बरामद हुए हैं। पुलिस अधिकारियों ने अभी इस संबंध में खुलासा नहीं किया है लेकिन यह बड़ी सफलता मानी जा रही है।
मजबूत रहता है एक करोड़ ईनामी नक्सली का सुरक्षा घेरा
मिसिर बेसरा रणनीति बनाने वाला है वह कभी आमने – सामने की लड़ाई नहीं करता वह सुरक्षा घेरे के अंदर रहकर रणनीति तैयार करता है। नक्सली उसे मजबूत सुरक्षा घेरे के बीच रखते हैं बेस कैंप में जिस जगह मिसिर बेसरा रहता था, उसके चारों और लैंड माइंस बिछी रहती थी ताकि कोई भी आसानी से वहां तक ना पहुंच सके। चार वर्षों बाद सीआरपीएफ के सहयोग से पहली बार पुलिस मिसिर बेसरा के बेस कैंप तक पहुंचने में सफल हुई है।
नक्सलियों ने शुरू की फायरिंग जवाबी कार्रवाई में पीछे हटे
अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को देखते ही नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में नक्सलियों को पीछे हटना पड़ा। पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान को औऱ तेज कर दिया है। कोल्हान के जंगल में सेंट्रल कमेटी के नक्सली मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी, असीम मंडल सहित अन्य बड़े नक्सलियों के होने की सूचना है। इस सूचना के आधार पर पुलिस 11 जनवरी 2023 से विशेष अभियान चला रही है। इस अभियान में पुलिस को कई बड़ी सफलता हाथ लगी है।