रांची : राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में व्यवस्था दुरुस्त करने के दावे किए जा रहे है. लेकिन हॉस्पिटल की रीढ़ कहे जाने वाले कर्मचारियों की हालत खस्ता है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दैनिक कर्मियों को आठ माह से मानदेय नहीं मिला है. इससे कर्मचारियों के परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है. वहीं, बच्चों की फीस भी जमा नहीं कर पा रहे हैं. इतना ही नहीं कर्मचारियों को मकान मालिक ने घर खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है. इससे कर्मचारी परेशान हैं. दैनिक कर्मियों का कहना है कि होली नजदीक है, लेकिन पैसा भुगतान की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी है. कुल 333 दैनिक कर्मी हैं. इनमें 269 पहले से दैनिक कर्मी के रूप में सेवा दे रहे है. वहीं, एजेंसी हटने के बाद गार्ड की नौकरी करने वाले 64 लोग दैनिक कर्मी के रूप में योगदान दे रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि पहले से कार्य करने वाले दैनिक कर्मियों को दो माह का मानदेय मिला है. लेकिन, बाद में योगदान देनेवाले 64 का वेतन आठ महीना से बाकी है. गौरतलब है दैनिक कर्मियों को प्रतिमाह 7,000 रुपये मानदेय मिलता है.

इसे भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी बीजेपी में शामिल

Share.
Exit mobile version