सैन फ्रांसिस्को: अरबपति एलन मस्क ने करीब 44 अरब डॉलर में ट्विटर का अधिग्रहण करने का समझौता किया है. कंपनी ने यह जानकारी दी. टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधइकारी (सीईओ) मस्क ने 14 अप्रैल को ट्विटर को खरीदने की पेशकश की थी. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया था कि वह अधिग्रहण के लिए फंड कैसे जुटाएंगे. मस्क ने कहा है कि वह ट्विटर को इसलिए खरीदना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि यह स्वतंत्र अभिव्यक्ति के मंच के रूप में अपनी क्षमता पर खरा उतर पा रहा है.
ट्विटर ने कहा कि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह एक निजी स्वामित्व वाली कंपनी बन जाएगी.
ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा कि ट्विटर का एक उद्देश्य और प्रासंगिकता है, जो पूरी दुनिया को प्रभावित करती है. हमारी टीम और उसके काम पर गर्व है. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, एलन मस्क के मालिकाना हक वाली कंपनी बनने के बाद ट्विटर के सभी शेयर होल्डर्स को हर शेयर के बदले 54.20 डॉलर यानी लगभग चार हजार रुपए कैश मिलेंगे. शेयर की यह कीमत मस्क के ट्विटर में 9% की हिस्सेदारी का खुलासा करने से पहले के मुकाबले 38% ज्यादा है.
मस्क ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्होंने ट्विटर को खरीदने के लिए 46.5 बिलियन डॉलर के फाइनेंस का इंतजाम किया है. इसके बाद ट्विटर के बोर्ड ने मस्क के ऑफर पर नए सिरे से विचार किया. रविवार को मस्क के ऑफर पर चर्चा के लिए ट्विटर के बोर्ड की अहम बैठक भी हुई थी. सोमवार देर शाम को यह खबर आई थी कि ट्विटर के बोर्ड ने मस्क का ऑफर मंजूर कर लिया है. ऐसे में यह लगभग तय हो गया था कि मस्क ही ट्विटर के नए मालिक होंगे.
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट की खरीदी डील फाइनल होने के बाद मस्क ने ट्वीट कर फ्री स्पीच की वकालत की. साथ ही उन्होंने ट्विटर को अनलॉक करने की बात कही. सोमवार को दिनभर एलन मस्क के ट्विटर को खरीदने के बारे में चर्चाएं चलती रहीं. इससे ट्विटर के शेयर में 6% का उछाल आया था. मस्क के हाथों में आने के बाद लोगों को कंपनी में बड़ी ग्रोथ की उम्मीद है. खुद मस्क भी कह चुके हैं कि ट्विटर में काफी पोटेंशियल है. एलन मस्क दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी हैं. वे फ्रीडम ऑफ स्पीच के तरफदार हैं. ट्विटर को खरीदने की अपनी मंशा के पीछे भी उन्होंने यही वजह बताई थी कि इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फ्रीडम ऑफ स्पीच खतरे में है और वे सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यह बनी रहे.