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इस साल देश में अच्छी बारिश के आसार, ‘अल नीनो’ पड़ रहा कमजोर

नई दिल्ली : मौसम विज्ञान विभाग ने बड़ी खुशखबरी दी है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार भारत में मानसून की अच्छी बारिश देखने को मिलेगी. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ‘अल नीनो’ के असर के चलते ऐसा देखने को मिला. हालांकि आगामी जून तक अल नीनो खत्म हो जाएगा, जिसके चलते इस साल मॉनसून में अच्छी बारिश होने की उम्मीद जताई गई है. दो ग्लोबल क्लाइमेट एंजीसियों ने पिछले हफ्ते इस बात की जानकारी दी थी कि दुनियाभर को प्रभावित करने वाला अल नीनो कमजोर होना शुरू हो गया है और अगस्त के महीने में ला नीना की स्थिति बनने की संभावना है.

मौसम वैज्ञानिकों ने दी जानकारी

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डी शिवानंद पई ने बताया कि वर्तमान में हम निश्चित रूप से कुछ भी नहीं कह सकते हैं. कुछ मॉडल ला नीना का संकेत देते हैं, जबकि कुछ ईएनएसओ-न्यूट्रल स्थितियों की भविष्यवाणी करते हैं. हालांकि, सभी मॉडल अल नीनो के खत्म होने का संकेत दे रहे हैं.

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल ने बताया कि ताजा पूर्वानुमान जून तक ला नीना के संकेत दे रहा है, जिसके परिणामस्वरूप समय पर मॉनसून में अच्छी बारिश हो सकती है.

अल नीनो पड़ा कमजोर

इस पूरे घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे भारत के मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि जून से अगस्त तक ला नीना की स्थिति बनने का मतलब ये हो सकता है कि इस साल मॉनसून की बारिश पिछले साल की तुलना में बेहतर होगी. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन ने बताया कि जून-जुलाई तक ला नीना विकसित होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि अगर अल नीनो ईएनएसओ न्यूट्रल स्थितियों में परिवर्तित हो गया तो भी इस साल मॉनसून पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर होने की उम्मीद है.

बता दें कि भारत में वार्षिक बारिश का 70 प्रतिशत हिस्सा दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से हुई बारिश का होता है, जो कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है और सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 14 प्रतिशत है और देश की 1.4 अरब आबादी में से आधे से ज्यादा को रोजगार देता है. संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) ने पिछले सप्ताह कहा था कि 79 प्रतिशत संभावना है कि अल नीनो अप्रैल-जून तक ईएनएसओ-न्यूट्रल में बदल जाएगा और जून-अगस्त में ला नीना विकसित होने की 55 प्रतिशत संभावना है. यूरोपीय संघ की कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) ने पुष्टि की है कि अल नीनो कमजोर पड़ने लगा है और ला नीना अल नीनो का चक्रीय रूप है.

अमेरिकी राष्ट्रीय भविष्यवक्ता एनओएए ने कहा कि मजबूत अल नीनो घटनाओं के बाद ला नीना की प्रवृत्ति रही है. उन्होंने बताया कि अल नीनो 2024 की पहली छमाही तक जारी रहेगा. विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने पहले बताया था कि यह वर्ष 2023 से अधिक गर्म रहेगा. अगर ला नीनो विकसित होता है तो ये साल 2023 से ज्यादा गर्म नहीं होगा.

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