रांची : बीस साल पहले की बात है. तब एतबरिया उरांव की उम्र 20 साल थी. लोहरदगा के भंडरा प्रखंड के मसमानों गांव में अपने माता-पिता के साथ रहती थी. उस वक्त वह अपने पिता बिरसा उरांव के साथ एक ईंट भट्टे पर काम करने के लिए उत्तर प्रदेश गई थी. वहीं वह खो गई, इससे संबंधित मामला यूपी के गोरखपुर थाने में दर्ज कराया गया था. बीतते समय के साथ घरवाले नाउम्मीद हो चुके थे. इसी बीच एक ट्वीट से उम्मीद की किरण निकली.
एतबरिया के नेपाल में होने की जानकारी एक आश्रम द्वारा ट्वीट के माध्यम से दी गई. साथ ही हरियाणा पुलिस के एएसआई राजेश कुमार को भी अन्य मामले की जांच के दौरान एक नेपाली समाजसेवी ने एतबरिया की जानकारी दी. इसके बाद मुख्यमंत्री और मंत्री चंपाई सोरेन ने ट्वीट मामले को झारखंड राज्य प्रवासन नियंत्रण कक्ष के संज्ञान में देते हुए एतबरिया को वापस झारखंड लाने का आदेश दिया था. टीम हरकत में आई और उसकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए नेपाल और भारत के दूतावासों के साथ समन्वय बनाया गया.
एतबरिया का उसकी मां और बड़ी बहन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर यह पुष्टि हुई कि वह दिवंगत बिरसा उरांव की बेटी है. तब राज्य प्रवास नियंत्रण कक्ष द्वारा नेपाल से एतबरिया को सफलतापूर्वक भारत लाया गया. 3 सितंबर 2021 को वह काठमांडू से आईजीआई हवाई अड्डा नई दिल्ली पहुंची. यहां से उसे वापस रांची लाकर लोहरदगा स्थित उसके गांव पहुंचाया जाएगा.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को धन्यवाद
एतबरिया की बड़ी बहन खुश है. कहती है, हमने उसके लौटने की सारी उम्मीद खो दी थी. यूपी से वह गायब हुई थी. बाद में उसे हरियाणा ले जाया गया. तब से हम उससे नहीं मिल सके. पहले भी हमने मदद मांगी थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. कुछ दिन पहले सरकार के लोगों ने मेरी मां से संपर्क किया और उन्हें मेरी बहन के बारे में बताया. एतबरिया की बहन ने मुख्यमंत्री को इसके लिए धन्यवाद कहा.
एतबरिया को मिला योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उपायुक्त लोहरदगा ने बताया कि एतबरिया को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक दी गई है. एहतियात के तौर पर उसका और उसके परिवार के सदस्यों का कोरोना परीक्षण होगा. इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के सभी लाभों से आच्छादित किया जाएगा. डीसी ने संबंधित बीडीओ से उसके घर की स्थिति और अन्य के बारे में रिपोर्ट मांगी है. जरूरत पड़ने पर उन्हें सबसे पहले घर और राशन कार्ड मुहैया कराया जाएगा.