रांचीः राज्यपाल-सह-झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन ने आज डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची में ‘शिक्षक दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम में देश के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन को नमन की और कहा कि वे एक ऐसे महान शिक्षाविद थे, जिन्होंने शिक्षा जगत में अमिट अपनी छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा है कि शिक्षा के माध्यम से ही मनुष्य सही और गलत को समझ कर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। शिक्षा ही सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक परिवर्तन का सशक्त साधन है।
समाज को सही दिशा देने का अहम दायित्व शिक्षक पर ही होता है
राज्यपाल ने कहा कि समाज को सही दिशा देने का अहम दायित्व शिक्षक पर ही होता है। शिक्षक छात्रों को शिक्षा देने के अलावा भावी जीवन के लिए उन्हें सही राह भी दिखाते हैं। शिक्षक द्वारा दिखाए गए राह के आधार पर छात्र राष्ट्र के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छात्र के जीवन का महत्वपूर्ण समय शिक्षक के सान्निध्य में ही व्यतित होता है और उनमें क्षमता, रचनात्मकता एवं जीवंतता तथा राष्ट्र निर्माण की भावना विकसित होती है। इसलिए समाज में शिक्षक को बहुत ही अधिक आदर एवं सम्मान प्राप्त है।
शिक्षा नीति में सैद्धांतिक शिक्षा के साथ-साथ प्रायोगिक शिक्षा व अनुसंधान पर भी बल दिया गया
राज्यपाल ने कहा कि देश कि समृद्धि के लिए शिक्षा को रोजगारपरक बनाने की दिशा में हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा आजादी के 74 वर्षों के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू किया गया है। पहले मैकाले की शिक्षा पद्धति थी, वर्तमान समय में इसकी अप्रासंगिकता को देखते हुए ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ को लागू किया गया। इस शिक्षा नीति में सैद्धांतिक शिक्षा के साथ-साथ प्रायोगिक शिक्षा व अनुसंधान पर भी बल दिया गया है जिससे बच्चों में अभिनव विचार एवं अवधारणा के साथ-साथ उनमें उदारता, स्नेह, आत्मानुशासन एवं नेतृत्व करने की क्षमता भी विकसित होगी। इस अवसर पर राज्यपाल ने पूर्व कुलपतियों व सेवानिवृत्त शिक्षकों को सम्मानित किया एवं विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।