गोरखपुर : पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवंगत पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे का कैंट थाना क्षेत्र के धर्मशाला स्थित आवास पर ईडी की रेड डाली है. तिवारी हाता छावनी में तब्दील हो गया है. ईडी की टीम ने आज गंगोत्री इंटरप्राइजेज के कई ठिकानों पर पहुंचकर कार्रवाई को अंजाम दिया. कंपनी पर करीब 750 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड का आरोप है. इसी को लेकर आज ईडी ने गोरखपुर से लेकर गुरुग्राम तक छापेमारी की है.
जानकारी के अनुसार, ईडी लखनऊ जोन ने पीएमएलए की धारा 17 के तहत गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड से संबंधित बैंक धोखाधड़ी के मामले में तलाशी अभियान शुरू किया है. यह कंपनी सड़कों का निर्माण, टोल प्लाजा का संचालन और सरकारी अनुबंधों में काम करती है. इसके मेन प्रमोटर्स विनय शंकर तिवारी, रीता तिवारी और अजीत पांडे हैं.
बता दें कि इससे पहले नवंबर महीने में ईडी ने मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड की करीब 72 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी. आज ईडी ने लखनऊ के साथ ही गोरखपुर, नोएडा, अहमदाबाद और गुरुग्राम में 10 परिसरों पर कार्रवाई को अंजाम दिया. फिलहाल तलाशी अभियान जारी है. हालांकि पूर्व में जो छापेमारी की गई थी, उसमें वर्तमान मुख्यमंत्री पर बदले की कार्रवाई का भी आरोप तिवारी परिवार और उनके समर्थकों द्वारा लगाया गया था.
कार्रवाई को लेकर ईडी ने क्या कहा?
ईडी के मुताबिक, पिछले 10 साल में जो संपत्ति उन्होंने अर्जित की है, उसका ब्योरा खंगालने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है. कंपनी के प्रमोटर विनय शंकर तिवारी उत्तर प्रदेश के पूर्व कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री रहे हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं.
इसे भी पढ़ें: ब्राउन शुगर बेचते दो युवक चढ़े पुलिस के हत्थे, नगदी व मोबाईल बरामद