रांची। ईडी निलंबित आईएएस पूजा सिंघल सहित अन्य आरोपितों की संपत्तियों को अगले सप्ताह तक कुर्क कर सकता है। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी उन संपत्तियों को कुर्क करेगा जो मनरेगा घोटाले कर अवैध रूप जुटाई गई है। पूजा सिंघल के पति अभिषेक कुमार झा का पल्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ऐसी ही एक प्रमुख संपत्ति है। इससे पूर्व गत पांच मई को ईडी ने पूजा सिंघल के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान ईडी ने भारी मात्रा में नकद बरामद किया था। इसके बाद पूजा सिंघल से पूछताछ की गई थी। पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। ईडी ने पूजा के पति अभिषेक कुमार झा, चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार सिंह के अलावा, खूंटी जिले के इंजीनियरों और अधिकारियों राम बिनोद प्रसाद सिन्हा, जय किशोर चौधरी, शशि प्रकाश और राजेंद्र कुमार जैन के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की थी। इस मामले में ईडी के द्वारा अन्य आरोपितों की भी संपत्ति कुर्क की जाएगी।
सीए सुमन सिंह ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि कई बार उसने पल्स अस्पताल के कैश काउंटर पर चार से पांच बार फर्जी बिल बनाकर पल्स अस्पताल की रसीद बढ़ा-चढ़ाकर देने के लिए 10 लाख रुपये की नकद राशि दी थी। पूजा सिंघल ने गलत तरीके से अर्जित धन को पल्स अस्पताल में समायोजित करने और अस्पताल से अर्जित लाभ को बेदाग दिखाने के लिए किया गया था। पूजा सिंघल और अभिषेक झा की शादी जून 2011 में हुई थी।
ईडी ने कहा कि शादी से पहले पूजा सिंघल अपने ही बैंक खाते में फर्जी पैसे जमा करती थी। लेकिन शादी के बाद, नकद जमा अभिषेक झा के खातों में किया गया था। बाद में मैसर्स पल्स संजीवनी हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड को शामिल करने के बाद नकदी को पल्स डायग्नोस्टिक के साथ-साथ पल्स संजीवनी के निर्माण, खरीद और खातों में समायोजित किया गया था। ईडी ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2012-13 से मेसर्स पल्स संजीवनी हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खातों में कुल क्रेडिट संबंधित वित्तीय वर्ष में कंपनी के कुल कारोबार से अधिक था। जबकि ईडी के समक्ष पूजा के पति अभिषेक ने कहा है कि मैसर्स पल्स संजीवनी हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड में लगाया गया पैसा ऑस्ट्रेलिया में अर्जित किया था। वह ऑस्ट्रेलिया से 31.89 लाख रुपये नकद लेकर आया था। ईडी को करीब 100 करोड़ रुपये के भारी कैश का पता चला है। वित्तीय वर्ष 2010-11 और 2011-12 के दौरान आईसीआईसीआई, डीबीएस और एसबीआई जैसे उनके भारतीय बैंक खातों में 70 लाख रुपये जमा किए गए। ईडी ने कहा है कि उसकी ऑस्ट्रेलिया कहानी अपराध को छिपाने के लिए बाद की सोच है। उल्लेखनीय है कि 18.06 करोड़ रुपये का मनरेगा घोटाला उस अवधि से हुआ है जब पूजा सिंघल खूंटी जिले में उपायुक्त थीं। वह विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए राशि स्वीकृत करने वाली प्रमुख अधिकारी थीं।