साहिबगंज : ईडी ने शुक्रवार की सुबह साहिबगंज-मनिहारी के बीच फेरीसेवा का संचालन करनेवाले राजेश यादव उर्फ दाहू यादव के घर पर दबिश दी। दाहू यादव मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खासमखास पंकज मिश्रा का करीबी बताया जाता है। ईडी की टीम के अनुसार, दाहू यादव ही पंकज मिश्रा के कारोबार की देखरेख करता है।
टीम शुक्रवार की सुबह करीब 10.15 बजे दल-बल के साथ उसके शोभनपुर भट्ठा स्थित घर पहुंची और घरों की तलाशी ली। टीम के साथ जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार भी थे। 15-20 मिनट तक जांच पड़ताल के बाद टीम लौट गई। गौरतलब है कि इससे पहले दाहू यादव के यहां आठ जुलाई को भी ईडी ने दबिश दी थी। दिनभर जांच-पड़ताल की थी। इस दौरान कुछ नकद व जमीन के कई दस्तावेज मिले थे। इसके बाद ईडी ने दाहू यादव को नोटिस देकर रांची बुलाया था। कई दिनों तक पूछताछ भी की थी। इस दौरान बरहेट विधायक हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करने की योजना थी, लेकिन पंकज मिश्रा के पहुंचने के पूर्व ही दाहू यादव फरार हो गया था।
उसने ईडी को वकील के माध्यम से सूचना भेजी थी कि मां की तबीयत खराब होने की वजह से वह पूछताछ में उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं। हालांकि, कई दिन बीत जाने के बाद भी वह वहां नहीं पहुंचे। आशंका जतायी जा रही है कि वह झारखंड छोड़कर फरार हो चुका है। ईडी ने दो दिन पूर्व सूकरघाट में छापेमारी कर वहां खड़े जहाज को जब्त कर लिया था। जहाज की कीमत करीब 30 करोड़ रुपया आंकी गयी है। ईडी को आशंका है कि जहाज की खरीद में अवैध खनन से अर्जित राशि लगी हुई है। उधर, जिला खनन टास्क फोर्स की टीम शुक्रवार की सुबह भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री बजरंगी यादव के महादेवगंज स्थित क्रशर प्लांट पहुंची। वहां खदान की मापी की जा रही है। कुछ और क्रशर व पत्थर खदानों की जांच-पड़ताल खनन टास्क फोर्स की टीम कर सकती है।
ईडी को विभिन्न पत्थर कारोबारियों से पूछताछ के दौरान जानकारी मिली है कि साहिबगंज का ही एक पत्थर कारोबारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पत्थर खदानों व क्रशर की पर्यावरणीय स्वीकृति दिलाने के लिए राशि की वसूली करता था। एक क्रशर की पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए डेढ़ से दो लाख रुपये तक लिए जा रहे थे। खदान के लिए पांच लाख रुपये तक वसूले जाते थे। वह साहिबगंज में ही बैठकर मोबाइल से सारा मैनेज करता था। वाट्सएप पर मैसेज करने से ही स्वीकृति मिल जाती थी।