रांची: झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने ईडी की जांच पर सवाल उठाते हुए भाजपा पर हमला बोला है. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि ईडी सेलेक्टिव स्वभाव का परिचय देते हुए काम कर रही है. वह योगेन्द्र तिवारी के मामले में पक्षपात रवैया अपनाते हुए भाजपा के बड़े नेताओं को बचाने की कोशिश कर रही है. साथ ही कहा कि तीन महीने पहले ही उन्होंने जो आशंका जताई थी जो अब खुलकर सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि योगेन्द्र तिवारी का जब कारोबार की दुनिया में जन्म हुआ था, उस वक्त योगेन्द्र तिवारी के साथ भाजपा के एक बड़े नेता का नाम शामिल था. साथ ही उनके सचिव का भी नाम था. शराब के धंधे में उनका कैसे प्रवेश हुआ,यह बातें सबके सामने हुई थी.

उन्होंने कहा कि ईडी के सेलेक्टिव टारगेट में भाजपा नहीं है. उनके टारगेट में झारखंड सरकार है. राज्य सरकार ने भी जांच का गठन किया था, लेकिन जांच का दायरा भाजपा तक न जाये उसके लिये उस बड़े नेता को प्रदेश से ही अलग कर दिया गया. पूरा खेल एक व्यक्ति को ही टारगेट करके किया जा रहा है. ईडी उसके सभी बैंक के ट्रांजैक्शन खंगाले तो भाजपा का असली चाल, चरित्र और चेहरा सामने आ जायेगा.

एसआईटी से सरकार कराए जांच

सुप्रियो ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार को भी एसआईटी जांच करानी चाहिये. अविलंब एसआईटी का गठन करे और पूरे मामले की जांच कराये ताकि साजिशकर्ता बेनकाब हो सकें. चूंकि राज्य का भी अपना तंत्र है, राज्य भी पूरे इस खेल की जांच कराये. जिससे कि शराब के खेल में कौन कौन शामिल हैं यह सामने आ सके. इस मामले में वर्तमान से लेकर कई पूर्व विधायक भी शामिल हैं और भाजपा के कई बड़े नेता के भी नाम हैं. जांच इस बात की भी होनी चाहिये कि किसके शासन काल में क्या क्या हुआ. सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि जिस तरह से नेरेटिव सेट किया जा रहा है उसके पीछे मंशा कुछ और नजर आती है. सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह के दिल्ली के शराब घोटाले में कई बार फटकार लगाई थी. ईडी मनरेगा घोटाले की जांच करने आई थी लेकिन विषयों से अलग जा रही है. अभी और देखिये कौन कौन से तथ्यों की जांच करती है.

 

 

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