बगोदर से माले विधायक विनोद सिंह ने जोहार लाइव से बात करते हुए कहा कि ईडी की कार्रवाई केंद्र द्वारा प्रायोजित है और इसलिए हम इस कार्रवाई के खिलाफ हेमंत सोरेन के समर्थन में खड़े हैं. मेरी पार्टी भाकपा माले ने हेमंत को बाहर से समर्थन दिया है, भाजपा द्वारा सरकार गिराने के प्रयासों को हम सफल नहीं होने देंगे.
विवेक आर्यन
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके आवास पर आज ईडी पूछताछ कर रही है. इस बीच पूरे राज्य का राजनीतिक पारा काफी बढ़ा हुआ है. इस बीच राज्य में भाकपा माले के इकलौते विधायक विनोद सिंह ने जोहार लाइव से खास बात-चीत की. पढ़िए उन्होंने झारखंड की राजनीति और हेमंत पर हो रही कार्रवाई पर क्या कहा.
सवाल : हेमंत सोरेन पर हो रही ईडी की कार्रवाई को आप कैसे देखते हैं?
जवाब : ईडी एक स्वायत्त संस्था है, और उसकी स्थापना इस उद्देश्य से हुई थी कि वह देश भर में हो रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करे. इस परिपेक्ष्य में ईडी को किसी भी तरह की कार्रवाई का अधिकार है. लेकिन झारखंड में विशेषकर हेमंत सोरेन पर हो रही कार्वाई निश्चित रूप से राजनीतिक प्रायोजन नजर आता है. ऐसा प्रतीत होता है कि ईडी केंद्र की भाजपा सरकार के लिए टूल की तरह काम कर रहा है. वह भाजपा के करप्शन को छुपा कर, राजनीतिक द्वेष के तहत केंद्र सरकार के इशारों पर कार्रवाई कर रही है, जो कि गलत है.
सवाल : राज्य सरकार पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर आप क्या कहेंगे?
जवाब : सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार तो भाजपा सरकार में ही रही है. आप पाकुड़ में गिट्टी के मामले को देख लें तो सारा फर्जी चालान रघुवर दास के समय से ही हो रहा था. पूजा सिंघल मामले को देख लें, यह मामला भाजपा के शासन काल का है. मेरे ही प्रश्न पर इस मामले की जांच नितिन मदन कुलकर्नी ने की थी. लेकिन इस जांच को पीछे करने के लिए रघुवर दास ने जांच समिति बनाई. छगन बुझबल वाले मामने में ईडी ने कहा कि वो फाइल भूल गई. तो ईडी की कार्रवाई इसलिए हो रही है कि सारा कीचड केवल कमल के नीचे जमा हो.
सवाल : आपको नहीं लगता कि हेमंत को पहले ही जाकर ईडी के सामने अपना बयान दर्ज करा देना चाहिए था?
जवाब : देखिए, हेमंत सोरेन क्यों नहीं गए, उन्हें ईडी की तरफ से क्या समन मिला था और उन्होंने अपनी चिट्ठियों में क्या लिखा, यह हेमंत सोरेन या ईडी ही बता सकती है. लेकिन मीडिया के माध्यम से जो बात मैं समझ सका हूं, उसके हिसाब से हेमंत ने तो ईडी से यही कहा था कि आप सिलसिलेवार ढंग से मुझे बताएं कि मुझपर क्या आरोप आप लगा रहे हैं, इसके बाद मैं उपस्थित होकर अपना जवाब दूंगा. हालांकि हेमंत पहले भी एक बार गए हैं. फिर उन्होंने ईडी के अधिकारियों को आवास में आकर अपना बयान दर्ज करवाने की सहमति दी और आज ईडी के लोग उनके आवास गए हैं.
सवाल : क्या यह महज कार्रवाई है, या फिर आपको लगता है कि यह राज्य सरकार को गिराने को प्रयास है?
जवाब : भाजपा जिन राज्यों में सरकार से बेदखल हुई है, वहां एक केन प्रकारेन सत्ता हासिल करे का प्रयास करती है. फिर चाहे महाराष्ट्र हो या मध्यप्रदेश. इसमें मेरे मानने से कुछ नहीं होता, यह तो आईने की तरह साफ है कि भाजपा यहां क्या प्रयास कर रही है. निश्चित रूप से भाजपा का प्रयास है कि चुनी हुई सरकार को गिराकर वे सत्ता पर बैठें और इस दिशा में ईडी या अन्य माध्यमों द्वारा वे दबाव बनाते हैं.
सवाल : यानी आप और आपकी पार्टी हेमंत के समर्थन में खड़े हैं.
जवाब : निःसंदेह. राज्य की जनता ने रघुवर दास के खिलाफ झामुमो और गठबंधन को सरकार बनाने के लिए चुना है और हमने राज्य की जनता के उस बहुमत के साथ हमलोगों ने झामुमो के नेतृत्व में सरकार को समर्थन दिया है. इसलिए हम हेमंत के साथ खड़े हैं.
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