Bokaro : वन भूमि घोटाला मामले में फारेस्ट विभाग के कार्यालय में कागजातों को ED खंगाल रही है. इसके साथ ही चास अंचल के योगीडीह मौज के खाता 29 और 40 खाता की भी ED जांच कर रही है. बता दें कि आज सुबह से ही ED झारखंड और बिहार के कुल 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर रही है. मामला बोकारो के मौजा तेतुलिया क्षेत्र में 103 एकड़ संरक्षित वन भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त और धोखाधड़ी से अधिग्रहण का है.
ED रेड : बोकारो में खंगाले जा रहे फॉरेस्ट विभाग के कागजात, चास के योगीडीह मौजा को भी खंगाला जा रहा#ED #bokaronews #bokaroforestdepartment #EDraid #jharkhandbokaronews #bokarobreaking #jharkhandlatestnews @BokaroDc @bokaropolice pic.twitter.com/rDkOAX4mmc
— Johar Live (@joharliveonweb) April 22, 2025
क्या है मामला :
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को झारखंड और बिहार के विभिन्न जिलों में जमीन घोटाले मामले में बड़ी कार्रवाई की. ED की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है. जांच एजेंसी ने रांची, बोकारो, रामगढ़ सहित झारखंड और बिहार के कुल 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. बोकारो के मौजा तेतुलिया क्षेत्र में 103 एकड़ संरक्षित वन भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त और धोखाधड़ी से अधिग्रहण से जुड़ा मामला सामने आया है. जमीन की खरीद में फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल और सरकारी नियमों की अनदेखी की बात भी सामने आई है.
रांची स्थित हरिओम टावर बिल्डिंग में स्थित राजबीर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के कार्यालय पर भी ED की टीम ने छापा मारा. ED इस मामले में तमाम कंपनियों और व्यक्तियों की भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है. इसके साथ-साथ यह भी संभावना जताई जा रही है कि कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.
जानकारी के अनुसार, करीब 103 एकड़ वन भूमि की खरीद-बिक्री के आरोप को लेकर 2024 में बोकारो के सेक्टर-12 थाने में केस दर्ज किया गया था. जिसके बाद सीआईडी ने इसकी जांच शुरू की थी. सीआईडी की शुरुआती जांच में यह बातें स्पष्ट रूप से सामने आईं कि जमीन माफिया और बीएसएल के कर्मियों के द्वारा मिलकर जमीन की हेरा-फेरी की गई थी. इस गड़बड़ी में बीएसएल के द्वारा वन विभाग को प्रॉपर तरीके से जमीन का हैंडओवर नहीं किया जाना बताया गया था. इसके बाद ED ने इस मामले में अपनी तफ्तीश शुरू की.
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