रांची। झारखंड सरकार में क्रांगेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के मामले में उनके खिलाफ जांच शुरू की है। आलमगीर आलम झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री हैं। यह मामला जून 2020 में साहेबगंज के बड़हरवा में हाट बाजार की बंदोबस्ती को लेकर हुए टेंडर विवाद के सिलसिले में दर्ज किया गया है। आरोप है कि शंभु नंदन नामक एक ठेकेदार पर पॉलिटिकल प्रेशर बनाकर इस टेंडर में भाग लेने से रोका गया था।
इस मामले में बरहेट के विधायक प्रतिनिधि और झामुमो नेता पंकज मिश्रा का एक ऑडियो भी वायरल हुआ था। इस ऑडियो में विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा की ओर से ठेकेदार शंभु नंदन को टेंडर नहीं डालने की चेतावनी दी गयी थी। इसके आधार पर ठेकेदार शंभु नंदन की शिकायत पर मंत्री आलमगीर आलम, विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी। हालांकि ठेकेदार शंभु नंदन के खिलाफ भी दो लोगों ने काउंटर एफआईआर की थी। अब इसी मामले में ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की है।
ईडी के रांची जोनल ऑफिस के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा ने इस संबंध में नोटिस जारी कर हाट-बाजार टेंडर विवाद के संदर्भ में दर्ज एफआईआर की पूरी जानकारी मांगी है। ईडी ने यह ब्योरा भी मांगा है कि जिस टेंडर को लेकर विवाद था, वह कितनी राशि का था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ईडी इस पहलू पर जांच कर रहा है कि इस मामले में किसी राशि की लेनदेन हुई है या नहीं।
वर्ष 2020 में जब इस टेंडर विवाद से जुड़ा ऑडियो वायरल हुआ था, तब मंत्री आलमगीर आलम ने इसे बदनाम करने की साजिश बताया था।