नई दिल्ली। ईडी ने गुरुवार को राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव की बेटी चंदा यादव से जमीन के बदले नौकरी मामले में पूछताछ की। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चंदा यादव से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया। जमीन के बदले नौकरी मामले में ईडी ने लालू यादव की चौथी संतान से पूछताछ की है। इससे पहले ईडी लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती, रागिनी यादव, बेटे तेजस्वी यादव से पूछताछ कर चुकी है।
ईडी ने चंदा यादव, उनकी बहन रागिनी यादव, हेमा यादव और पूर्व राजद विधायक अबु दुजाना के पटना, फुलवारी शरीफ, दिल्ली एनसीआर, रांची और मुंबई के ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी ने बुधवार को रागिनी यादव और सोमवार को तेजस्वी यादव से जमीन के बदले नौकरी मामले में पूछताछ की थी। वहीं ईडी ने बीती 25 मार्च को मीसा भारती से पूछताछ की थी।
जमीन के बदले नौकरी मामले में ईडी और सीबीआई लगातार कार्रवाई कर रही हैं। सीबीआई ने इस मामले में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी से भी पूछताछ की थी। राजद मुखिया के परिजनों के ठिकानों पर ईडी लगातार छापेमारी कर रही है। इस दौरान ईडी ने एक करोड़ रुपए की नकदी और कई अहम दस्तावेज बरामद किए थे। जांच में पता चला है कि राजद परिवार और उनके सहयोगियों ने रियल एस्टेट समेत कई सेक्टर में निवेश किया था। ईडी ने कहा कि मामले में अभी जांच जारी है।
बता दें कि जमीन के बदले नौकरी घोटाला साल 2004-09 के दौरान हुआ और उस समय लालू प्रसाद यादव यूपीए-1 की सरकार में केंद्रीय रेलमंत्री थे। आरोप है कि कई लोगों को ग्रुप डी के तहत रेलवे में नौकरी दी गई। आरोप है कि नौकरी के बदले लालू यादव परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन ट्रांसफर की गई। सीबीआई का कहना है कि नौकरी के बदले लालू यादव के परिजनों को बाजार भाव से काफी कम कीमत पर जमीने बेची गईं।
सीबीआई का कहना है कि इन नौकरियों के लिए कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था और पटना में रहने वाले लोगों को विभिन्न रेलवे जोन्स मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्ति दी गई। हालांकि लालू यादव और उनके परिजनों द्वारा आरोपों को सिरे से खारिज किया जा रहा है। तेजस्वी यादव का कहना है कि रेल मंत्री रहते हुए उनके पिता के पास लोगों को नौकरी देने की ताकत नहीं थी।