रांची। अवैध खनन और मनी लॉउंड्रिंग के आरोपी साहिबगंज के पत्थर कारोबारी कृष्णा साहा को ईडी गुरुवार को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया। प्रभात कुमार शर्मा की विशेष कोर्ट में पेश करते हुए ईडी ने सात दिनों की रिमांड मांगी, जिस पर कोर्ट ने ईडी को पांच दिनों की रिमांड की अनुमति दी है।
बताते चलें कि संथाल में हुए 1000 करोड़ रुपए के अवैध खनन मामले में ईडी ने बुधवार को साहिबगंज के पत्थर कारोबारी कृष्णा साहा को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले उससे करीब 11 घंटे तक पूछताछ की। फिर रात 9:30 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया।
साहा बुधवार सुबह करीब 9 बजे ईडी ऑफिस पहुंचा। ईडी के अधिकारियों ने पूछा-जब पहले ही उसके खदान में गड़बड़ी उजागर हो गई थी, तो खनन कैसे जारी रखा। साहा ने कोई जवाब नहीं दिया। अवैध खनन मामले की जांच के दौरान ईडी ने साहा के बड़हरवा के चंपांडे मौजा के पत्थर खदान की ड्रोन से मापी की थी। पता चला थ्ज्ञा कि लीज एरिया से कई गुना अधिक क्षेत्र में खनन किया जा रहा है।
जांच एजेंसी ने साहिबगंज के जिला खनन पदाधिकारी को इससे संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा था। इसके बावजूद साहा की खदान में खनन जारी था। यह जानकारी मिलने के बाद ईडी ने पूछताछ के लिए उसे समन जारी किया था। जांच एजेंसी ने उससे पंकज मिश्रा से संबंधों के बारे में भी सवाल पूछे।
पत्थर खदान में दो मजदूरों की मौत के बाद पुलिस को सूचना दिए बगैर ही शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए थे, ताकि किसी को घटना का पता न चले। लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी मिल गई। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि खदान के मेट शंभु साहा और मुंशी पवन मंडल ने कृष्णा साहा के इशारे पर दोनों शवों को वहां से हटवा दिया। पुलिस की दबिश बढ़ने पर मिथुन का शव परिजनों ने रात में थाने को सौंपा। इसके बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया।
साहिबगंज में कृष्णा साहा की खदान में एक जुलाई को दो मजदूरों की मौत हो गई थी। ईडी ने अवैध खनन मामले में दर्ज ईसीआईआर में इसे भी जोड़ लिया है। ईडी ने उससे पूछा कि खदान में मजदूरों की माैत की जानकारी पुलिस को क्यों नहीं दी। दोनों मजदूरों के शव वहां से तुरंत क्यों हटा दिए। साहा ने इस सवाल का जवाब भी नहीं दिया। इस मामले में साहिबगंज के रांगा थाने में थानेदार अमन कुमार सिंह के बयान पर एफआईआर दर्ज की गई थी। मृतक मजदूरों की पहचान बड़हरवा के गणेशपुर का सपथ मंडल और प. बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के महांतापाड़ा निवासी मिथुन कुमार पाल के रूप में हुई थी। मिथुन ड्रिल ऑपरेटर और सपथ ड्रिल हेल्पर था।