रांची: चारा घोटाले के मामले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग में केस दर्ज कर लिया है। पूरा मामला डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी से संबंधित है। CBI की विशेष अदालत से 21 फरवरी को सजा पा चुके लालू प्रसाद सहित सभी 75 अभियुक्तों के खिलाफ नए सिरे से जांच करने का आदेश दिया था। रांची स्थित CBI के विशेष न्यायाधीश सुधांशु कुमार शशि ने डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान ED को इस संबंध में आदेश जारी किया था। 15 फरवरी को ही इस केस में लालू प्रसाद और 74 अन्य अभियुक्त दोषी पाए गए थे। सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान अदालत ने लालू प्रसाद को पांच साल का सश्रम कारावास और 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि सभी दोषी व वैसे अभियुक्त जिनकी पूर्व में ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है, उनके विरुद्ध भी मनी लौंड्रिंग अधिनियम में अनुसंधान करें। ED कानून सम्मत कार्रवाई करते हुए अवैध तरीके से अर्जित की गई चल-अचल संपत्ति को जब्त कर सकता है। चारा घोटाले से संबंधित यह तीसरा केस था, जिसमें अदालत ने ED को जांच का आदेश दिया था। चारा घोटाले का यह मामला करीब 950 करोड़ का है। पूर्व में दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित दो कांडों को ED ने टेकओवर कर जांच प्रारंभ कर दिया था। लालू उन 19 अभियुक्तों में शामिल हैं, जिन पर दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के आरोपों की पुष्टि के बाद सजा हुई थी। तब अदालत ने उक्त केस के उन 13 मृत अभियुक्तों के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच करने और वर्ष 1990 के बाद अर्जित संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया था।